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अपने जमाने के सुपर स्टार देव आनंद के बारे में ये दिलचस्प बात नहीं जानते होंगे आप....

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द फॉलोअप टीम, रांचीः

देव आनद के जीवन की तमाम दिलचस्प कहानियों के साथ-साथ एक नई जानकारी सामने आई कि देव आनंद के 6 नहीं कुल 9 भाई बहन थे जिनमें से तीन बहनें दिल्ली में ही रहती थीं। गौरतलब है कि देव आनंद के बारे में ये तथ्य कहीं भी पढ़ने को नहीं मिलता, न ही इंटरनेट पर ना ही किसी किताब में। देव आनंद के बड़े भाई चेतन आनंद और छोटे भाई विजय आनंद भी हिंदी सिनेमा के बेहतरीन निर्देशक रहे हैं। देव आनंद के पूरे जीवन को जानना भारतीय सिनेमा के इतिहास के एक बड़े और अहम कालखंड के अध्ययन जैसा है। उनके जीवन के तमाम किस्से साझा किए आनंद बंधुओं के भांजे प्रोफेसर राजीव खन्ना ने, जो वसंत विहार क्लब और न्यू डेल्ही फिल्म फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक खास कार्यक्रम ‘ऐन इवनिंग विद देव’ में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। 

बचपन के कई संस्मरण साझा किए

प्रोफेसर खन्ना ने देव आनंद के दिल्ली आने से जुड़े अपने बचपन के कई संस्मरण साझा किए। उन्होने देव आनंद के लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से 1939 में ग्रेजुएशन के दौरान पढ़ी उन की हैंडराइटिंग वाली किताब भी दिखाई। इस कार्यक्रम का आयोजन हिंदी सिनेमा के  बेहद लोकप्रिय अभिनेता रहे देव आनंद की सौवीं सालगिरह के मौके पर राजधानी के प्रतिष्ठित वसंत विहार क्लब के ऑडिटोरियम में किया गया था। इस मौके पर देव आनंद के जीवन और उनकी सिनेमाई पारी पर आधारित कुछ दिलचस्प कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें देव आनंद की फिल्मों पर आधारित न्यू डेल्ही फिल्म फाउंडेशन और सिनेमाज़ी द्वारा बनाई कुछ वीडियो रिपोर्ट्स दिखाई गईं। 

‘गाइड, द फिल्म: पर्सपेक्टिव्स’ का विमोचन
प्रोफेसर राजीव खन्ना ने देव आनंद की कालजयी फिल्म ‘गाइड’ पर आधारित एक किताब ‘गाइड, द फिल्म: पर्सपेक्टिव्स’ का भी विमोचन किया। ब्लू पेंसिल द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में गाइड फिल्म के विभिन्न पहलुओं पर 14 लेखकों ने अध्ययन और शोध कर विस्तार से लिखा है कि आखिर क्यों ये फिल्म इतनी सफल हुई। इस दौरान किताब के तीन लेखक संदीप पाहवा, अंतरा नंदा मंडल और बॉबी सिंग भी मौजूद रहे। देव आनंद के जीवन और उनकी फिल्मों पर एक दिलचस्प पैनल डिस्कशन का भी आयोजन हुआ, जिसे न्यू डेल्ही फिल्म फाउंडेशन के संस्थापक आशीष के सिंह ने संचालित किया। इसमें ‘सिनेमाज़ी’ की प्रमुख आशा बत्रा, लेखक-फिल्म समीक्षक बॉबी सिंग और अंतरा नंदा मंडल शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान पूरा हॉल खचाखच भरा रहा। कार्यक्रम का एक और प्रमुख आकर्षण देव आनंद की पुरानी फिल्मों के ओरिजिनल पोस्टर्स की एक प्रदर्शनी भी रही, जिसे लोगों ने खूब सराहा। अंत में ले. जनरल शंकर प्रसाद और आशीष के सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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