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Followup Special News

इससे पहले कि यौन-दासी बना दी जाएं अफगानी महिलाएं, जागना जरूरी

'अफगानिस्तान के मौजूदा हालात उन लोगों के लिए एक सबक हैं जो धर्म को सत्ता संचालन का आधार बनाना चाहते हैं।

राधाकृष्ण- रांची का वह लेखक जिसे दुनिया दूसरा प्रेमचंद कहती है

बीत चुका समय सोच - विचार की गुंजाइश को बड़ा फलक देता है। इस तरह, संस्मरण किसी व्यक्ति की सहचर्या का सप्रसंग कथन भर नहीं है, उसके कृतित्व की रेखाओं को इतिहास की दीवार पर खोजना भी है। आज राधाकृष्ण जी की स्मृतियों से जुड़ने का दिन है।

तमिलनाडु सरकार ने कल क्‍यों मनाया सामाजिक न्याय दिवस, जानिये

व्यक्तिगत प्रतिरोध को आगे चल कर उन्होंने सामाजिक प्रतिरोध में बदल दिया।

विवेक का स्‍वामी-5: विवेकानन्द हिन्दू ही नहीं, भारत के सभी मज़हबों के प्रेरक प्रज्ञापुरुष

वे केवल भारतीय विचारों के उद्घोषक, प्रवक्ता या प्रस्तोता नहीं हैं। वे खुद को घनीभूत भारत कहते थे।

साबरमती का संत-14: बापू बोले, मैं चाहूंगा कि यहाँ मुसलमान विद्यार्थी भी संस्कृत पढ़ने आ सकें

‘आने वाली नस्लें शायद मुश्किल से ही विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना हुआ कोई ऐसा व्यक्ति भी धरती पर चलता-फिरता था’

रूस की सैर इन वन क्‍लिक: सेंट पीटर्सबर्ग उर्फ लेनिनग्राद के गांव-शहर जानिये

'लेखक ,इतिहासकार और संस्कृतिकर्मी सुभाष चंद्र कुशवाहा अभी रूस की यात्रा पर हैं!

बदले जा सकते हैं कांग्रेस के झारखंड प्रभारी, मोहन प्रकाश को मिल सकता है कमान

आरपीएन सिंह को मिल सकता है पार्टी में बड़ा पद

प्रधानमंत्री के जन्‍मदिन पर विशेष: समस्याओं को कुचलकर मोदी ने किया कामयाबी का झंडा बुलंद

जानामि धर्म न च में प्रवृत्ति:। जानामि अधर्म न च में निवृत्ति:।।

'सौ में सत्‍तर आदमी फ़िलहाल जब नाशाद है.....' तो विचारिये साहब!

भारत में पहले से भी अधिक गहरी होती जा रही है अमीर-गरीब के बीच खाई

विवेक का स्‍वामी-4: धार्मिक निजी पहचान क़ायम रखते हुए भी परस्‍पर धर्मों में आपसी सहकार संभव

श्रीरामकृष्ण परमहंस और विवेकानन्द की हिन्दू धर्म संबंधी मुख्य अवधारणाएं लकीर की फकीर की तरह नहीं हैं।

देश की बिंदी-9: जब सिताबदियारा बन गया सीता-बदियारा और नोएडा को बंदर खा गया !

बोलते समय रखें एहतियात नहीं तो हो सकते हैं अर्थ के अनर्थ

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