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पीएम नरेंद्र मोदी ने दिवंगत मुनव्वर राना को इन शब्दों में किया याद, कही ये बात 

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द फॉलोअप डेस्क 

पीएम नरेंद्र मोदी ने (PM Narendra Modi) दिवंगत शायर मुनव्वर राना (Munawwar Rana) को श्रद्धांजलि दी है और उनको य़ाद करते हुए कहा है कि उन्होंने उर्दू साहित्य औऱ शायरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके परिवार और उनको प्रशंसकों को लिए मेरी संवेदनाएं समर्पित हैं। पीएम मोदी ने उनकी आत्मा की शांति की कामना की है। इस बाबत पीएम मोदी ने एक्स पर ट्वीट किया है। बता दें कि 71 साल के मशहूर शायर मुनव्वर राना का निधन लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में रविवार देर रात को हो गया। वे लंबे समय से गंभीर बीमारी का सामना कर रहे थे। उनके देहांत से समस्त उर्दू और हिंदी साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है। 

लखनऊ में आज होगा अंतिम संस्कार 

राना की निधन की जानकारी देते हुए उनकी बेटी सुमय्या ने बताया कि उनके पिता का निधन रविवार की रात पीजीआई अस्पताल में हो गया। सुमय्या के मुताबिक उनको किडनी और हृदय से संबंधित शिकायत थी। लगभग एक पखवाड़ा पहले उनको सीने में दर्द की वजह से मेदांता अस्पताल में एडमिट किया गया था। इसके बाद भी हालत में सुधार नहीं होने पर उनको पीजीआई अस्पताल में रेफर किया गया। यहां चार दिन के इलाज के बाद चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। समय्या ने बताया कि राना का अंतिम संस्कार लखनऊ में सोमवार यानी आज 15 जनवरी को होगा। 

मां पर लिखे शेर हैं यादगार 

राना के निधन पर हिंदी के लोकप्रिय साहित्यकार कृष्ण कल्पित ने कहा है ये उर्दू शायरी का न भर पाने वाला नुकसान है। कहा, उनका एक शेर उनको अदब में जिंदा रखने के लिए काफी है। वो शेर है- किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आई-मैं घर में सबसे छोटा था मिरे हिस्से में मां आई। कहा कि इस एक शेर में संवदेना और वर्तमान समय की त्रासदी को बेहतर तरीके से व्यक्त करने के लिए काफी है। बता दें कि मुनव्वर राना की एक और प्रसिद्ध रचना है - मुहाजिरनामा। इस लंबी कविता में वे अपनी मां को सोना और अपनी अहलिया यानी पत्नी को पीतल बताते हुए कहते हैं- हमारी अहलिया तो आ गई मां छुट गई आख़िर- के हम पीतल उठा लाए सोना छोड़ आए हैं।