द फॉलोअप डेस्क
झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य की हालिया प्रेस वार्ता पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने सुप्रियो के बयानों को राष्ट्रविरोधी करार देते हुए झामुमो सरकार पर आतंकियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
अजय साह ने कहा कि झामुमो के शासन में झारखंड आतंकियों की सुरक्षित शरणस्थली बन चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड अब आतंकवाद की प्रयोगशाला बन गया है, जहाँ आए दिन कट्टरपंथियों और आतंकियों की गिरफ्तारी हो रही है। उन्होंने बताया कि फरवरी 2025 में अलकायदा के झारखंड ट्रेनिंग मॉड्यूल के मास्टरमाइंड डॉ. इश्तियाक अहमद की गिरफ्तारी हुई थी, वहीं मई 2025 में इंडियन मुजाहिदीन के अम्मार यासिर को पकड़ा गया। हिज्ब उत-तहरीर, आईएसआईएस और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों से जुड़े कई आतंकी भी राज्य से गिरफ्तार किए गए हैं।
साह ने आरोप लगाया कि इन घटनाओं के बावजूद झामुमो के किसी नेता ने कभी आतंकवाद की निंदा नहीं की। उल्टा, सरकार के एक मंत्री ने एक आतंकी को “बालक” कहकर उसका बचाव किया। उन्होंने कहा कि इस शासन में आतंकियों का मनोबल इतना बढ़ चुका है कि राज्य में कई बार पाकिस्तान के झंडे लहराए गए और पाकिस्तान समर्थित नारे लगाए गए। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए बताया कि इस दौरान मोहम्मद नौशाद ने खुलेआम लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन किया, और रांची के एक युवक ने भारत को “गजवा-ए-हिंद” की धमकी तक दे डाली।
भाजपा प्रवक्ता ने झामुमो पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब भाजपा तिरंगा लेकर सेना और देश के समर्थन में खड़ी होती है, तब झामुमो को इससे पीड़ा होती है। उन्होंने कहा कि झामुमो फ़िलिस्तीन के झंडे को देखकर प्रसन्न होती है, लेकिन तिरंगे के प्रति उदासीन है। अजय साह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि झामुमो में कांग्रेस की आत्मा प्रवेश कर चुकी है और अब दोनों पार्टियां मिलकर पाकिस्तान के प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रही हैं।
साह ने चेतावनी दी कि झामुमो को पहले राज्य में पनप रहे आतंकी नेटवर्क, कट्टरपंथी मानसिकता और बांग्लादेशी घुसपैठ पर नियंत्रण करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो शासन में घुसपैठियों को वोटर कार्ड, राशन कार्ड और आधार कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज आसानी से मुहैया कराए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ये घुसपैठिए चुनावों में हिस्सा भी ले रहे हैं। उनका उद्देश्य सिर्फ घुसपैठ नहीं, बल्कि “लव जिहाद” और “लैंड जिहाद” के जरिए आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा जमाकर उनकी सांस्कृतिक पहचान को मिटाना है।
अजय साह ने अंत में कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब पूरी दुनिया पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट हो रही है, तब झामुमो और कांग्रेस भारत में पाकिस्तान के पक्ष में माहौल बनाने में लगे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर को ‘ड्रामा’ कहने वाले झामुमो के पूर्व मंत्री पर पार्टी ने कोई कार्रवाई तक नहीं की, जो दर्शाता है कि झामुमो की प्राथमिकता में राष्ट्रहित नहीं है।