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राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन : झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ ने ई-संसद का बताया महत्व

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अक्रा, घाना 

66वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन की शुरुआत आज घाना की राजधानी अक्रा में हुई। सम्मेलन का मुख्य थीम राष्ट्रमंडल चार्टर के दस वर्ष के दौरान संसदों द्वारा निर्धारित मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा था। उद्घाटन समारोह को घाना के संसदीय कार्य मंत्री ओसी केयी मेन्सा बोन्सु, राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के महासचिव स्टीफन ट्विग ने संबोधित किया। आज के कार्यक्रम में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने तीन विषयों पर आधारित परिचर्चा में अपने विचार रखे। ये तीन विषय हैं- ऊर्जा संकट और पर्यावरण संरक्षण, महिला आरक्षण की प्रासंगिकता और ई संसद के माध्यम से संसदीय प्रक्रिया को कारगर बनाना। रवींद्रनाथ महतो ने इंदिरा गांधी द्वारा 1972 स्टॉकहोम में आयोजित सम्मेलन में कही गयी बात को दोहराया। कहा कि पर्यावरण को तबतक संरक्षित नहीं किया जा सकता जब तक गरीबी का समाधान नहीं किया जाता। जो लोग अपनी आर्थिक समस्या के काऱण प्रदूषित जीवन जीने को विवश हैं, उन्हें पर्यावरण संरक्षण का पाठ नहीं पठाया जा सकता। इसलिए दुनिया की प्राथमिकता गरीबी की समस्या का निदान होना चाहिए। 

विधानसभा की कार्यवाही को पब्लिक डोमेन में लाने पर चर्चा 

महिला आरक्षण का महिला सशक्तिकरण में योगदान विषय पर अध्यक्ष ने कहा कि गांधी ने अपनी वाणी में महिलाओं को भावनात्मक रूप से पुरुषों से अधिक शक्तिशाली बताया है। उनके बलिदान की क्षमता को पुरुषों से ज्यादा बताया है। अध्यक्ष ने ई संसद के माध्यम से संसदीय प्रक्रिया को और कारगर बनाने पर जोर दिया। इस दिशा में झारखंड की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कहा कि नेशनल ई विधान एप्लीकेशन (NeVA) के माध्यम से माननीय सदस्यों को स्मार्ट डेस्क पर ले जाना एक बड़ी उपलब्धि है। विधानसभा की कार्यवाही को लाइव रूप से पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध कराये जाने पर उन्होंने जोर दिया। वहीं स्टीफन ट्विग ने राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के प्राथमिकताओं के बारे में बताया। उन्होंने संसदों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व, मानवधिकारों की रक्षा और जलवायु परिवर्तन को संघ की प्राथमिकता बताया। उन्होंने भारत, न्यूजीलैंड और सिएरा लियोन को संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने के लिए बधाई दी। कल राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के जनरल असेंबली की बैठक होगी।