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अहमदाबाद प्लेन क्रैश : अमेरिकी एजेंसियां क्यों कर रही हैं भारतीय जमीन पर हुए हादसे की जांच 

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द फॉलोअप डेस्क 
गुरुवार को एयर इंडिया की फ्लाइट 171 हादसे का शिकार हो गई, जिसमें सभी 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई। हादसे के बाद सामान्य प्रक्रिया के तहत आपातकालीन सेवाएं घटनास्थल पर पहुंचीं, हवाई अड्डों पर परिजनों की भीड़ जमा हो गई और मीडिया अहमदाबाद पहुँचने लगी।
लेकिन रविवार, 15 जून को कुछ ऐसा हुआ जिसने कई लोगों को हैरान कर दिया। अहमदाबाद में इस दुखद हादसे की जांच के लिए कई अंतरराष्ट्रीय विमानन एजेंसियाँ पहुँच गईं। इनमें अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) — जो परिवहन दुर्घटनाओं की शीर्ष जांच एजेंसी है — फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और यूनाइटेड किंगडम की सिविल एविएशन अथॉरिटी (CAA) शामिल थीं। तो सवाल उठता है: भारत में हुई एक भारतीय विमान की दुर्घटना की जांच में अमेरिकी और ब्रिटिश एजेंसियाँ क्यों शामिल हैं?


इसका जवाब है: शिकागो कन्वेंशन
यह व्यवस्था एक 78 साल पुराने अंतरराष्ट्रीय समझौते के तहत की गई है, जिसे शिकागो कन्वेंशन कहा जाता है। यह कन्वेंशन 1944 में द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दौर में साइन हुआ था, जब दुनिया ने समझा कि भविष्य में हवाई यात्रा वैश्विक संपर्क का प्रमुख साधन बनेगी और इसकी सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग ज़रूरी होगा।
आज इस कन्वेंशन की तकनीकी निगरानी अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) करता है, जो संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी है और मांट्रियल में स्थित है। भारत, अमेरिका और यूके सहित इसके 193 सदस्य देश इसकी नियमावली का पालन करते हैं।
Annex 13 इस कन्वेंशन का वह खंड है, जो हवाई दुर्घटनाओं और गंभीर घटनाओं की जांच के अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल तय करता है।


Annex 13: हादसे की जांच के नियम
Annex 13 के अध्याय 5 के अनुसार, किसी भी विमान दुर्घटना की जांच की मुख्य जिम्मेदारी उस देश की होती है, जहाँ वह दुर्घटना घटी — जिसे "State of Occurrence" कहा जाता है।
इसके अलावा कुछ अन्य देशों को औपचारिक रूप से जांच में भाग लेने का अधिकार होता है, जैसे:
•    State of Registry: जहाँ विमान रजिस्टर्ड है
•    State of the Operator: जिसने विमान का संचालन किया
•    State of Design: जिसने विमान की डिजाइन तैयार की
•    State of Manufacture: जहाँ विमान का निर्माण हुआ
इस मामले में, एयर इंडिया भारतीय एयरलाइन है, लेकिन विमान की डिजाइन और निर्माण अमेरिका की कंपनी बोइंग द्वारा की गई है। इसलिए अमेरिका State of Design और State of Manufacture की भूमिका में जांच में शामिल होता है। यदि विमान में कोई ब्रिटिश-निर्मित इंजन या उपकरण थे, तो यूके की भागीदारी भी इसी आधार पर उचित ठहरती है।
जांच का उद्देश्य
यह उल्लेखनीय है कि Annex 13 स्पष्ट करता है कि किसी भी जांच का उद्देश्य "किसी को दोषी ठहराना नहीं" बल्कि "भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और हवाई सुरक्षा को बेहतर बनाने" के लिए कारणों की गहराई से पड़ताल करना है। कुल मिलाकर, एयर इंडिया हादसे में अमेरिकी और ब्रिटिश एजेंसियों की भागीदारी कोई असामान्य बात नहीं, बल्कि एक सुव्यवस्थित अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत उठाया गया कदम है, जो हवाई सुरक्षा के वैश्विक मानकों को सुनिश्चित करने में सहायक होता है।

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