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कतर में मौत की सजा पाये नौसेना के 8 अधिकारियों से मिले भारतीय राजदूत, परिजनों में जगी आस 

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द फॉलोअपड डेस्क 

कतर में मौत की सजा पाये भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों से भारत के राजदूत ने मुलाकात की है। इससे इन अधिकारियों के परिजनों ने राहत की सांस ली है। नौसेना के इन अधिकारियों को जासूसी के आरोप में कतर की अदालत ने मौत की सजा सुनायी थी। सजा इसी साल अक्तूबर में सुनायी गयी थी। इसके बाद भारत में रह रहे इन अधिकारियों के परिजनों ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई थी। बता दें कि भारत ने इन अधिकारियों को मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की है। इस मामले में कतर में 23 औऱ 30 नवंबर को दो बार सुनवाई की जा चुकी है। भारतीय दूतावास ने संभावना व्यक्त की है कि अधिकारियों को जल्दी ही मुक्त कर दिया जायेगा। 

ये है इन अफसरों पर आरोप


कतर में भारतीय राजदूत ने कहा है कि ये एक अति संवदनशील मामला है। भारत सरकार इस पर बराबर नजर रखे हुए है। हमारी ओर से अधिकारियों की रिहाई के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर जेल में बंद इन भारतीय अधिकारियों से राजदूत की मुलाकात बेहद सकारात्मक कदम बताया जा रहा है। क्योंकि पहले कतर सरकार इन सभी आठ अधिकारियों तक कांसुलर की पहुंच की स्वीकृति नहीं दे रही थी। अब कतर सरकार ने इस मामले में कुछ नरमी दिखाई है। कतर के मीडिया हाउस अल-जजीरा की रिपोर्ट की मानें तो इन भारतीय अफसरों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से संबंधित कुछ अहम जानकारी इजरायल को बेचने का आरोप है। बता दें कि सभी आठ भारतीय नौसैनिक अफसर दोहा की एक निजी कंपनी अल-दहरा में काम करते थे। इस कंपनी का काम मुख्य काम कतर की सेना को ट्रेनिंग और सामान आपूर्ति करना था। हालांकि ये कंपनी अब बंद हो चुकी है। 

2022 में किया गया था सभी को अरेस्ट 
मिली खबर के मुताबिक इन आठ नौसेना अफसरों को 2022 में गिरफ्तार किया गया था। कतर सरकार ने इन पर इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप लगाये हैं। वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इन सबको 2022 के अगस्त महीने में कतर पुलिस ने अरेस्ट किया था। इसके बाद गिरफ्तार नौसेना अफसरों में से एक की बहन ने ट्वीट किया था कि कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर दो महीने से हिरासत में हैं। जिसका कोई कानूनी आधार नहीं बनता है।