डेस्क :
भारतीय उच्चायोग ने मीडिया के एक वर्ग द्वारा चलाई गई खबरो का खंडन किया है। खबरों में यह कहा गया था कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री राजपक्षे के इस्तीफे के बाद भारत सेना भेजने की तैयारी कर रहा है। उच्चायोग ने मीडिया की ऐसी खबरों को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए ऐसे रिपोर्टिंग की निंदा की है। उच्चायोग ने ट्वीट कर कहा कि मीडिया ऐसी झूठी और निराधार खबरों से अफवाहे फैलाना बंद करे।
The High Commission would like to categorically deny speculative reports in sections of media and social media about #India sending her troops to Sri Lanka. These reports and such views are also not in keeping with the position of
— India in Sri Lanka (@IndiainSL) May 11, 2022
the Government of #India. (1/2)
उच्चायोग ने कहा रिपोर्ट भारत के रुख के अनुरूप नहीं
उच्चायोग की तरफ से ट्वीट कर जारी बयान में कहा गया कि मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने अपने विचार स्पष्ट कर दिए थे। मीडिया के रिपोर्ट भारत के रुख के अनिरूप नहीं है ।आगे कहा कि भारत श्रीलंका में स्थिरता,लोकतंत्र और आर्थिक सुधार की उसकी कोशिशों का पूरा समर्थन करता है।हलाकि,भारत ने श्रीलंका की मदद के लिए 40 हज़ार मीट्रिक टन डीजल की खेप भेजी है। फिलहाल श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। देश के बिगड़ते हालत के बीच राष्ट्रपति गोटाबया ने श्रीलंका में दो दिनों का आपातकाल लागू किया हुआ है। आम जनता बिजली कटौती के भारी संकट से जूझ रही है। इससे पहले सड़क पर उतरी भीड़ ने राष्ट्रपति के पैतृक आवास सहित कई सत्ताधारी नेताओं के घर-दफ्तरो में आग लगा दी।