logo

अंतरिक्ष : महज़ सोलह दिनों के अंतराल में क़रीब तीन महीने बाद सूरज और चांद ग्रहण कैसा होगा, जानिये डिटेल्स

grahan.jpg

 

रांची:

ग्रहण को लेकर देश-दुनिया में अलग-अलग तरह की मान्यताएं हैं। वैज्ञानिक अवधारणाएं भी अलग हैं। ग्रहण लगता क्यों है, क्या ग्रहण के दौरान किसी काम को करने से परहेज़ करना चाहिए। वैज्ञानिक क्या कहते हें। आज फॉलोअप के पाठक इस संबंध में जानेंगे। यह खबर महज़ सोलह दिनों के अंतराल में क़रीब तीन महीने बाद लगने वाले सूरज और चांद ग्रहण की डिटेल्स जानकारी देगी।

 

 

कब से कब तक रहेगा असर

इस साल भी ग्रहण लगने वाले हैं। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इस साल कुल 4 ग्रहण लगने वाले हैं। इसमें मुख्य तौर पर पहले दो ग्रहण और फिऱ दो ग्रहण बाद में लगेंगे। पहला ग्रहण 30 अप्रेल को लगेगा। यह सूर्य ग्रहण होगा। इसके ठीक 15 दिनों बाद 15 मई को चंद्र ग्रहण लगने का अनुमान है। साल का तीसरा ग्रहण और दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा। उस दिन शाम 4 बजकर 29 मिनट पर शुरू होकर 5 बजकर 42 मिनट पर खत्म होगा। 

 

कहां-कहां दिखेगा ग्रहण
30 अप्रेल का सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरीका के दक्षिण पश्चिम भाग, प्रशांत महासागर, अटांर्कटिका और अटलांटिक में दिखेगा।  पचांग के मुताबिक यह ग्रहण 30 अप्रेल की रात 12 बज कर 15 मिनट में शुरू होकर 4 बजकर 7 मिनट में खत्म होगा। इसका असर भारत में नहीं पड़ने वाला है। 16 मई का चंद्र ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। जबकि
दक्षिण पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका अधिक्तर उत्तरी अमेरीका , दक्षिण पश्चीमी एशिया, प्रशांत महासागर अटांर्टिका और अटलांटिक में दिखेगा। ग्रहण की शुरूआत 8 बज कर 59 मिनट में होगी और खत्म सुबह 10:23 पर होगा।


 

साल का तीसरा-चौथा ग्रहण 25 अक्टूबर और 8 नवंबर को

साल का तीसरा ग्रहण और दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा। उस दिन शाम 4 बजकर 29 मिनट पर शुरू होकर 5 बजकर 42 मिनट पर खत्म होगा। हिन्दू पचांग के अनुसार इस ग्रहण का असर भारत भी पड़ेगा।  यूरोप महाद्वीप के उत्तर पूर्वी भाग, एशिया दक्षिण भाग, अटांर्कटिका और अटलांटिक में दिखाई देने की संभावना है। चौथा ग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण की शुरुआत 8 नवंबर की शाम 5 बजकर 28 मिनट पर होगी और समाप्ति शाम 7 बजकर 26 मिनट पर। भारत, उत्तर-पूर्वी यूरोप, एशिया, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में दिखाई देगा। 

 

यह कॉपी इंटर्न निशा ने लिखी है।