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विधानसभा चुनाव के पहले झारखंड में नफ़रत फ़ैला रहे हैं बीजेपी ये नेता- लोकतंत्र बचाओ अभियान

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रांची 

लोकतंत्र बचाओ अभियान, अबुआ झारखंड, अबुआ राज ने आज प्रेस वक्तव्य जारी कर आरोप लगाया कि  बीजेपी के नेता विधानसभा चुनाव के पहले झारखंड में नफ़रत फ़ैला रहे हैं। कहा कि 20 जुलाई 2024 को गृहमंत्री व बीजेपी के प्रमुख नेता अमित शाह ने अपनी पार्टी के कार्यक्रम में आकर झारखंडी समाज में नफ़रत और साम्प्रदायिकता फ़ैलाने वाला भाषण दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठी आ रहे हैं, आदिवासी लड़कियों से शादी कर रहे हैं, ज़मीन हथिया रहे हैं, लव जिहाद, लैंड जिहाद कर रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा पिछले एक महीने से लगातार इन मुद्दों पर जहर और नफरत फैला रहे हैं। बीजेपी के स्थानीय नेता भी इसी तरह के वक्तव्य रोज दे रह हैं। कहा, न ये बातें तथ्यों पर आधारित हैं और न ही झारखंड में अमन-चैन का वातावरण  बनाये रखने के लिए सही हैं। दुख की बात है कि स्थानीय मीडिया बढ़ चढ़ कर इस मुहिम का हिस्सा बनी हुई है। 

कहा कि यह मुसलमानों के विरुद्ध साम्प्रदायिकता फैलाकर विधानसभा चुनाव के पहले धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश है। लोकतंत्र बचाओ अभियान इन भाषणों व राज्य में नफ़रत फ़ैलाने की कोशिश की कड़ी निंदा करता है। एक तरफ़ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA सरकार लगातार संसद में बयान दे रही है कि उनके पास बांग्लादेशी घुसपैठिये की संख्या सम्बंधित कोई आंकड़े नहीं हैं। वहीँ दूसरी ओर, उनके नेता अपने मन मुताबिक कभी 12 लाख घुसपैठिये तो कभी 20 लाख घुसपैठियों का बात कही जाती है। झारखंड में आदिवासियों की जनसंख्या के सवाल पर झूठी बातों को फैलाकर मुसलमानों के विरुद्ध नफ़रत फ़ैलाने की कोशिश हो रही है।

कहा, तथ्य यह है कि आज़ादी के बाद झारखंड क्षेत्र में आदिवासियों का अनुपात कुल जनसंख्या में लगातार कम होता गया है जिसका प्रमुख कारण  आसपास के राज्यों से बड़ी संख्या में गैर-आदिवासियों का आकर बसना, बड़ी-बड़ी परियोजनाओं व कंपनियों के कारण हुआ व्यापक विस्थापन एवं स्थानीय रोज़गार व गरीबी के कारण आदिवासियों का पलायन करना रहा है। तथ्य  यह है कि 2001 की जनगणना में आदिवासियों का अनुपात 26।3% था और 2011 में 26।2% था। वहीं, मुसलमानों की जनसंख्या का अनुपात 2001 से 2011 के बीच लगभग 7% बढ़ा। मज़ेदार बात है कि नरेन्द्र मोदी की NDA सरकार ने 2021 में होने वाली जनगणना को अभी तक नहीं करवाया है जिसके कारण वर्तमान आंकड़े नहीं हैं। 


लोकतंत्र बचाओ अभियान के ओर से जारी पत्र में इनके नाम हैं, अफ़जल अनीस, अजय एक्का, अंबिका यादव, अमृता बोदरा, अंबिता किस्कू, अलोका कुजूर, अरविंद अंजुम, बासिंग हस्सा, भरत भूषण चौधरी, भाषण मानमी, बिनसाय मुंडा, चार्ल्स मुर्मू, दिनेश मुर्मू , एलिना होरो, एमिलिया हांसदा, हरि कुमार भगत, ज्याँ द्रेज, ज्योति कुजूर, कुमार चन्द्र मार्डी, किरण, लीना, लालमोहन सिंह खेरवार, मानसिंग मुंडा, मेरी निशा हंसदा, मंथन, मुन्नी देवी, नंदिता भट्टाचार्य, प्रवीर पीटर, प्रिया तूलिका पिंगुआ, पकू टुडु, रामचंद्र मांझी, राजा भारती, रमेश जेराई,  रेशमी देवी, रोज़ खाखा, रोज मधु तिर्की, शशि कुमार, संदीप प्रधान, सिराज दत्ता, सुशील मरांडी, सेबेस्टियन मरांडी, संतोष पहाड़िया,  टॉम कावला औऱ विनोद कुमार। 


 

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