रांची
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को झारखंड के रांची में बहनों से मुलाकात कर संवाद किया। इस दौरान शिवराज सिंह से बहनों ने महिला सशक्तिकरण को लेकर कई सवाल किए और केन्द्रीय मंत्री ने विस्तार से बहनों के सवालों के जवाब दिए। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, महिलाओं को आगे बढ़ाना, बेटियों की बेहतर शिक्षा, बहनों का विकास और बहन-बेटियों की जिंदगी में बदलाव लाना, मेरे जीवन का मिशन है। शिवराज ने कहा कि, हम स्व-सहायता समूहों के माध्यम से हर बहन को लखपति बनाने का अभियान चल रहे हैं, लखपति दीदी मतलब हर बहन की प्रति माह आमदनी 10 हजार रूपए से ज्यादा हो और सालान 1 लाख रूपए से अधिक हो। बहनों के जीवन से अंधेरा दूर कर एक नया उजाला लाना ही हमारा संकल्प है।
बहन-बेटी के जीवन को बदलने की तड़प
केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बहनों से संवाद करते हुए कहा कि, मैंने बचपन से ही अपने गांव और आसपास देखा था कि, बेटा-बेटी में भेदभाव किया जाता था, बेटा हो तो जश्न मनाया जाता था और अगर बेटी पैदा हो गई तो माँ का ही चेहरा उतर जाता था। इसके अलावा बहनों के जीवन की परेशानियां भी मैंने देखी थी। तभी से मन में ये भाव था कि, बहन-बेटियों के लिए कुछ करना है। मैं प्रचार करता था कि, बेटी है तो कल है, बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगे। जब विधायक बना तो गरीब बेटियों की शादी करवानी शुरू की और जब मैं मुख्यमंत्री बना तो तय किया कि, बेटी बोझ नहीं वरदान है और मध्यप्रदेश की धरती पर बेटी लखपति पैदा होगी। जिसके बाद मध्यप्रदेश में सबसे पहले लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई और आज प्रदेश में 50 लाख से ज्यादा लाड़ली लक्ष्मियां हैं। फिर मध्यप्रदेश में स्थानीय चुनाव में महिलाओं के लिए 50% रिज़र्वेशन किया। इसी तरह बहनों तकलीफ देखकर मन में आया कि, हर बहन का बैंक में खाता हो और उसमें हर महीने पैसे आएं। जिसके बाद लाड़ली बहना योजना बनी और आज करोड़ों बहनों के खाते में हर महीने पैसे आ रहे हैं। इस योजना ने बहनों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं।
बेटियों को निशुल्क शिक्षा
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, बेटियों को बेहतर और निशुल्क शिक्षा मिले इसके लिए हमने मध्यप्रदेश में ये तय किया कि, पहली से लेकर पीजी तक की शिक्षा फ्री करेंगे। प्राइवेट कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज में जो फीस लगती है वो फीस गरीब बच्चे नहीं भर पाते हैं। कई बच्चों का अलग-अलग परीक्षाओं के माध्यम से एमबीबीएस, इंजीनियरिंग में चयन हो जाता है, लेकिन भारी भरकम फीस होने की वजह से वो एडनिशन नहीं ले पाते हैं। इसलिए हमने मध्यप्रदेश में निर्णय लिया कि, बेटा-बेटी की फीस भी हम भरेंगे। आज मध्यप्रदेश में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज की फीस भी सरकार भरती है, ताकि बेटियों को उच्च शिक्षा मिल सकें। बेटियों को निशुल्क किताबें, दूसरे गांव पढ़ने जाने के लिए निशुक्ल साईकिल दी जा ही है। फिर एक योजना बनाई, गांव की बेटी योजना, फिर कॉलेज में जाएगी तो प्रतिभा किरण योजना। ऐसी ही कई योजनाएं बनी है। बेटियों के विकास और कल्याण के लिए कई जगह ये योजनाएं बनाने की जरूरत है। झारखंड में भी इन योजनाओं को चलाकर बेटियों के भविष्य को संवारने का काम करेंगे।