जमशेदपुर
एग्रिको पूजा कमेटी द्वारा क्लब हाउस में निर्मित भव्य दुर्गा पूजा पंडाल का विधिवत उद्घाटन ओड़िशा के राज्यपाल एवं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, चंद्रगुप्त सिंह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस दौरान सभी अतिथियों ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर सभी के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। समारोह के दौरान राज्यपाल रघुवर दास ने लौहनगरी एवं झारखंडवासियों को शारदीय नवरात्र की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि यह लौहनगरी जमशेदपुर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है। जमशेदपुर, जो अपनी औद्योगिक पहचान के लिए विश्वविख्यात है, यहां की समृद्ध परंपराएं और धार्मिक उत्सव इसे आध्यात्मिकता और संस्कृति का संगम बनाते हैं। नवरात्रि के इस पावन अवसर पर, शहर का हर कोना मां भगवती की भक्ति और आस्था से चमक उठता है, यह हमें न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी जोड़ता है।
पूजा कमेटी के महासचिव भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार भव्य पूजा पंडाल के साथ मेले में झूले, विद्युत सज्जा और सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण होंगे। सुरक्षा के लिहाज से पंडाल एवं पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, वहीं आग रोकथाम के लिए विशेष अग्निशामक उपकरणों की व्यवस्था की गई है। मेले और पूजा के आयोजन को सफल बनाने के लिए समिति के सैकड़ों स्वयंसेवक तैनात हैं। बताया कि पूजा के दौरान महासप्तमी, महाष्टमी और महानवमी पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष भोग की व्यवस्था की गई है। इससे पूर्व कमेटी के अध्यक्ष वाई पी सिंह, महासचिव भूपेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष संजय सिंह एवं अन्य सदस्यों ने मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया।
बता दें कि इस वर्ष एग्रिको पूजा पंडाल को 75 फीट ऊंचे मयूर विहार की थीम पर तैयार किया गया है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं। पंडाल की खासियत यह है कि इसकी संरचना पूरी तरह से बांस की कारीगरी पर आधारित है, जिसमें कपड़े, बांस, पेस्टल रंग और लाइट्स का बखूबी इस्तेमाल किया गया है। 75 फीट ऊंचे इस पंडाल के अंदर 14 फीट ऊंची मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही है। पंडाल के मुख्य द्वार पर एक विशाल मोर की संरचना बनाई गई है, जो पंडाल के सौंदर्य को और अधिक निखार रही है। सीढ़ियों के जरिए अंदर प्रवेश करने के बाद श्रद्धालु मां दुर्गा के दर्शन कर सकेंगे। इस पूरे पंडाल को बनाने में लगभग 12 लाख रुपये की लागत आई है, और इसमें बांस की महीन कारीगरी विशेष रूप से ध्यान खींचने वाली है।