द फॉलोअप डेस्कः
पश्चिमी सिंहभूम जिले में गुरुवार को वांछित मिसिर बेसरा के दस्ते से जुड़े 15 माओवादियों ने अपने हथियार पुलिस के सामने डाल दिए। माओवादियों का यह ग्रुप घने जंगल सारंडा में सक्रिय था। यहां सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को 15 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। वो सारंडा में सक्रिय थे और भाकपा (माओवादी) पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा के दस्ते के सदस्य थे, जिसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम है।
बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम को देश के सबसे ज्यादा वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में से एक माना जाता है। पिछले साल यहां 46 माओवादी घटनाएं हुईं, जिनमें 22 लोगों की मौत हुई थी। पश्चिम सिंहभूम के डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया की यह एक बड़ी उपलब्धि है और सिंहभूम निर्वाचन क्षेत्र में बिना किसी डर के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में ये घटना एक महत्वपूर्ण योगदान देगी। पुलिस मुख्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है की संयुक्त सुरक्षा बलों ने विशेष रूप से माओवादियों के ईआरबी (पूर्वी क्षेत्रीय ब्यूरो) कमान को निशाना बनाया और हमारे निरंतर अभियानों के बाद कोल्हान क्षेत्र से उनके ईआरबी मुख्यालय को नष्ट कर दिया गया है।
माओवादी नेताओं से असंतुष्ट हैं लोग
एक बयान में कहा गया है कि यह बात काफी महत्वपूर्ण है कि ये सभी लोग पश्चिमी सिंहभूम जिले के निवासी हैं और माओवादी नेताओं की करतूतों से असंतुष्ट हैं। जानकारी के मुताबिक आत्मसमर्पण करने वाले कुछ माओवादी सात-आठ सालों से सक्रिय थे। सिंहभूम लोकसभा सीट के माओवादी गढ़ के कई अंदरूनी इलाकों में 13 मई को पहली बार या दशकों के लंबे अंतराल के बाद मतदान होगा। सारंडा में रहने वाले लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए मतदान कर्मियों और सामग्रियों को हेलीकॉप्टरों से पहुंचाया जाएगा।