द फॉलोअप डेस्क
मंईयां सम्मान योजना को लेकर बोकारो से गंभीर गड़बड़ी सामने आई है। गोमिया प्रखंड के पचमो पंचायत में एक भी अल्पसंख्यक परिवार नहीं होने के बावजूद 20 लोगों ने खुद को अल्पसंख्यक बताकर योजना का लाभ लेने की कोशिश की। प्रखंड कार्यालय में जब विभागीय स्तर पर जांच की गयी, तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया।
बताया गया कि पचमो पंचायत में कोई भी अल्पसंख्यक समुदाय का व्यक्ति नहीं रहता, फिर भी 20 लोगों ने खुद को अल्पसंख्यक दिखाकर योजना में आवेदन दे दिया। अधिकारियों की सतर्कता से यह धोखाधड़ी पकड़ी गयी। जैसे ही मामला सामने आया, प्रखंड प्रशासन ने पंचायत सचिव को जांच का निर्देश दिया। जांच के बाद सभी फर्जी लाभुकों को सूची से हटा दिया गया। इसके साथ ही लोधी पंचायत की एक महिला, जो एक पारा शिक्षक की पत्नी है, उसे भी योजना का गलत लाभ लेते हुए पकड़ा गया। उससे पैसों की वसूली भी कर ली गयी है। BDO महादेव कुमार महतो ने बताया कि गोमिया प्रखंड के 36 पंचायतों में लगभग 41 हजार लाभुक चिन्हित किए गए हैं। सभी आवेदनों की आधार, राशन कार्ड और बैंक डिटेल्ट से जरिए जांच की जाती है। अगर कोई भी फर्जी पाया जाता है, तो तुरंत लाभ से हटाया जाता है।
BDO ने साफ किया कि सरकारी वेतन या मानदेय पाने वाले कर्मचारियों के परिवार योजना का लाभ नहीं ले सकते। इनमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पारा शिक्षक, सरकारी शिक्षक, सीसीएल व अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल हैं। ऐसे लाभुकों को तुरंत योजना से हटाया जाएगा और विभागीय कार्रवाई की जाएगी। फर्जी लाभ लेने वालों की सूची संबंधित विभागों को भेजी जा रही है। CDPO और शिक्षा विभाग से पत्राचार कर इन मामलों पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।