जमशेदपुर
चाईबासा बाल सुधार गृह से फरार एक किशोर कैदी की एमजीएम अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी है। मृतक 17 वर्षीय सोनू पात्रो पिछले 4 महीनों से चाईबासा के बाल सुधार गृह में बंद था। दरअसल, चाईबासा बाल सुधारगृह से विगत 1 अप्रैल को मुख्य गेट तोड़कर भागे 21 बाल बंदियों में सोनू पत्रो भी शामिल था। वह जमशेदपुर के उलीडीह थाना क्षेत्र का रहने वाला था। सोनू चोरी के एक मामले में पिछले 4 महीनों से बाल सुधारगृह में बंद था।
बताया जाता है कि बल सुधार गृह से भागने के बाद सोनू ने टाटानगर रेलवे स्टेशन के पास शरण लेने की कोशिश की। वहीं कुछ लोगों ने उसे चोर समझकर उसका पीछा किया और सोनू बचने की कोशिश में कोयला लदी मालगाड़ी को पार करने लगा। इसी दौरान वह ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर) की चपेट में आ गया और बुरी तरह झुलस गया। घटना के बाद सोनू को पुलिस ने जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन, वहां उसकी मौत हो गयी। अब पुलिस और प्रशासन इसे दुर्घटना बता रही है।
दूसरी ओर सोनू पात्रों की मौत से उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल है। मंजू पात्रो ने बताया कि वे उलीडीह थाना क्षेत्र में एक भाड़े के मकान में रहती हैं। उन्हें बेटे की अस्पताल में भर्ती होने की खबर पुलिस से मिली। "मेरा बेटा चोर था या नहीं, ये अदालत तय करती, लेकिन क्या उसे इस तरह मरने के लिए छोड़ देना इंसाफ है?" उनका सवाल पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है। बता दें कि चाईबासा बल सुधार गृह से भागे 21 बाल बंदियों में से अबतक 7 को पुलिस ने खोज निकाला है। एक बंदी सोनू पत्रों की मौत हो चुकी है और 14 बंदी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार है।