logo

सांप्रदायिक तनाव : नाबालिग से दु'ष्क'र्म के बाद दो समुदाय के बीच पनपे विवाद को पुलिस ने कराया शांत,  आरोपी गिरफ्तार

gumla_police.jpg

गुमला:
गुमला के सिसई प्रखंड के पुसो थाना स्थित लरंगो टंगराटोली गांव में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के बाद शनिवार की रात गांव में दो समुदाय में तनाव उत्पन्न हो गया था। रविवार को सीनियर अधिकारियों ने गांव में दोनों समुदाय के लोगों के साथ बैठक कर मामले को शांत कराया। वहीं, नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी निजाम अंसारी को पुलिस ने रविवार को जेल भेज दिया। आरोपी दो बच्चों का पिता है और उसका आपराधिक इतिहास रहा है। पुसो और घाघरा थाना में पूर्व में ही केस दर्ज है। घाघरा थाना में दर्ज डकैती के केस में वह जेल भी जा चुका है और फिलहाल जमानत पर बाहर आया था।

 


क्या है पूरा मामला
पुलिस को दिये आवेदन में कहा गया है कि शनिवार को पीडिता के माता-पिता लरंगो साप्ताहिक बाजार गये हुए थे। वह घर में अकेले थी। करीब 4 बजे निजाम अंसारी उसके घर आया और अकेले पाकर उसके साथ छेड़छाड़ करने लगा। विरोध करने पर मुंह बंद कर दुष्कर्म किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गया। जिसके बाद बाजार जाकर पीड़िता ने घटना की जानकारी परिजनों को दी थी। दुष्कर्म की खबर पूरे गांव में फैलते ही एक समुदाय के सैकड़ों लोग आरोपी के दुकान पहुंचे और निजाम को पकड़कर उसकी जमकर पिटाई करते हुए उसकी मुर्गी दुकान को आग लगा दिया। जिसके बाद दो समुदाय में तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया। पुसो थानेदार मिचराय पंड्या दल-बल के साथ मौके पर पहुंच कर मामले को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन माहौल को बिगड़ते देख तत्काल सीनियर अधिकारियों को सूचित किया। जिसके बाद एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल, इंस्पेक्टर एसएन मंडल, इंस्पेक्टर विनोद कुमार यादव, घाघरा थानेदार अभिनव कुमार, सिसई थानेदार रवि होनहांगा दलबल के साथ लरंगो गांव पहुंचकर मामले को शांत कराते हुए आरोपी को हिरासत में लेकर इलाज के लिए घाघरा भेजा और रविवार को जेल भेज दिया।


 

पुलिस ने दोनों समुदाय के साथ की बैठक
शनिवार की पूरी रात एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल, इंस्पेक्टर एसएन मंडल, विनोद कुमार यादव पुसो, घाघरा, सिसई थाना और गुमला के जवान लरंगों गांव में कैंप किये हुए थे। रविवार को एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल के नेतृत्व में लरंगो गांव के ही महावीर टंगरा में दोनों समुदायों के साथ बैठक की गई। जिसमें अफवाहों पर ध्यान न देकर आपसी सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाते हुए आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने का निर्णय लिया गया। दूसरे पक्ष के लोगों ने कहा कि निजाम के साथ मारपीट और दुकान में आग लगाये जाने की असली वजह पता नहीं होने के कारण कुछ देर के लिए उसका साथ दिया गया था। किंतु उसके कुकर्म की जानकारी मिलते ही सभी पीड़िता के साथ सहानुभूति रखते हुए आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग करने लगे।