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आदिवासी सेंगेल अभियान ने 30 दिसंबर को बुलाया भारत बंद

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द फॉलोअप डेस्कः
30 दिसंबर को सरना धर्म कोड की मांग को लेकर भारत बंद बुलाया गया है। इसका आह्वान आदिवासी सेंगेल अभियान (Tribal Sengel Campaign) ने किया है। इसे लेकर मोरहाबादी मैदान में बैठक हुई, जिसमें संथाल, हो, मुंडा, उरांव, लोहरा आदिवासी समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने की। बता दें कि लंब समय से आदिवासी समुदाय द्वारा सरना धर्म कोड की मांग की जा रही है। इसे लेकर समय-समय पर रैलियां, धरना प्रदर्शन आदि होते रहा है। केंद्र सरकार से गुजारिश की जा रही है कि सरना धर्म कोड लागू किया जाए। 

जानें क्या है सरना धर्मकोड  

सरना धर्मकोड की मांग का मतलब यह है कि भारत में होने वाली जनगणना के दौरान प्रत्येक व्यक्ति के लिए जो फॉर्म भरा जाता है, उसमें दूसरे सभी धर्मों की तरह आदिवासियों के धर्म का जिक्र करने के लिए अलग से एक कॉलम बनाया जाए.  जिस तरह हिंदू, मुस्लिम, क्रिश्चयन, जैन, सिख और बौद्ध धर्म के लोग अपने धर्म का उल्लेख जनगणना के फॉर्म में करते हैं, उसी तरह आदिवासी भी अपने सरना धर्म का उल्लेख कर सकें . 


13 दिसंबर से विभिन्न जिलों में सभा
सालखन मुर्मू ने बताया कि भारत बंद को सफल बनाने के लिए 13 दिसंबर को गुमला, 14 को लोहरदगा, 15 को खूंटी और 16 दिसंबर को रांची में सरना धर्म के प्रतिनिधियों के साथ सभा होगी। सभा को सुमित्रा मुर्मू, फूलचंद तिर्की, भुवनेश्वर लोहरा, गणेश गगराई, सुशील उरांव, देवनारायण मुर्मू, सोमा मुंडा, सुभाषनी पूर्ति सहित अन्य संबोधित करेंगे। 


ये सभी हुए शामिल 
बैठक में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद, संरक्षक भुवनेश्वर, महासचिव संजय तिर्की, उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, विनय उरांव के अलावा आदिवासी छात्रसंघ के सुशील उरांव, खूंटी आदिवासी समिति व सरना धर्म सोतो ति के बिरसा कंडीर, सुनिल ओड़ेया, हो समाज महासभा के अध्यक्ष गणेश गगराई, कोषाध्यक्ष सुंदर बानरा सहित दिशोम परगना सोनाराम सोरेन, पोनोत परगना के सुगनाथ हेम्ब्रोम आदि शामिल