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कागज पर ही बंट गये 40 करोड़ के कृषि डिवाइस, जिम्मेदार अफसरों पर एक्शन की तैयारी

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द फॉलोअप डेस्क
रांची- सूबे के कई जिलों में कृषि विभाग के अफसरों ने किसानों को योजना का लाभ दिये जाने के बदले वेंडरों को फायदा पहुंचाने की साजिश रची। गड़बड़ी का यह मामला 2014-15 से 2019-20 का है। अब इस खेल के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। मिली खबर के मुताबिक दोषी अफसरों के खिलाफ आरोप पत्र गठित किया जायेगा। यह मामला रांची समेत राज्य के अन्य 14 जिलों का है। उद्यान निदेशालय,  कृषि, पशुपालन विभाग, झारखंड के स्तर से गड़बड़ी का पता लगने पर राज्य सरकार ने इसके जांच के आदेश दिये थे। गौरतलब है कि ये गड़बड़ी किसानों को कृषि उपकरण देने के नाम पर की गयी है।  

इन जिलों में हुआ खेल 
बता दें कि रांची, दुमका, गुमला, लोहरदगा, साहेबगंज, धनबाद, गिरिडीह, सिमडेगा, चतरा, रामगढ़ और पूर्वी सिंहभूम के अफसरों ने बिना निविदा निकाले ही वेंडरों को लगभग 40 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया। मीडिया में खबर आने के बाद विभाग मामले पर गंभीर हुआ और जांच की गयी। इसके बाद इसके लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ आरोप पत्र गठन करने का आदेश जिला उद्यान पदाधिकारियों को जारी किया गया है। 

ब्लैक लिस्टेड होंगे सप्लायर 
इस बाबत उद्यान निदेशालय, रांची ने 11 जिलों के उद्यान पदाधिकारियों को पत्र लिखते हुए कहा है कि इन जिलों में किसानों के बदले वेंडरों को फायदा पहुंचाया गया है। निविदा प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसके लिए दोषी अफसरों की पहचान की जाये। आरोप पत्र का गठन हो। इस दौरान अगर कोई सप्लायर दोषी साबित होता है तो उसे ब्लैक लिस्टेड कर उस पर कार्रवाई की जाये।  

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