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जामताड़ा में AJSU कार्यकर्ताओं ने किया सिदो-कान्हू को याद, कहा- दोबारा हुल आंदोलन की जरूरत 

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द फॉलोअप डेस्कः 
जामताड़ा शहर के सारखेलडी शीतल कुटीर आवास में आज आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सिद्धू कान्हू की जयंती पर बड़ी संख्या में उनको याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी पुरूष व महिलाएं उपस्थित रहीं। मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आजसू पार्टी के केंद्रीय सचिव सह संथाल परगना प्रभारी तरुण कुमार गुप्ता ने कहा कि आज सिद्धू कान्हू की जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहना चाहता हूं भोगनाडीह से इस जननायक ने संथाल में अंग्रेजों के शोषण के विरुद्ध जो हुल आंदोलन डुगडुगी बजाकर संथालिओं को एकजु किया था। उस अविश्वसनीय आंदोलन को भुलाया नहीं जा सकता है। जब अंग्रेजों ने तीन संथाल आदिवासी महिलाओं का अपहरण कर लिया था, उस समय अंग्रेजों की इस हरकत से संथाल में आक्रोश व्यक्त हो गया था । उस समय इन दोनों भाइयों ने सखुआ की डाली और डुगडुगी बजाकर संथाल को एकजुट किया और अंग्रेजों संथाल छोड़ो के नारे के साथ आंदोलन करके अंग्रेजों को भगाने का कार्य किया। उसी प्रकार आज हम सभी कार्यकर्ताओं को यह संकल्प लेकर के जाना पड़ेगा कि अब झारखंड में दोबारा हुल आंदोलन की जरूरत है। इस आंदोलन के माध्यम से हम अपनी नियोजन नीति , स्थानीय नीति के साथ-साथ आदिवासी और मूलवासी की समस्याओं का समाधान के लिए लड़ाई लड़ने के लिए इस सरकार के विरोध में एक बिगुल फुकनी की जरूरत है । आज जिस प्रकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई सरकार चल रही है। इस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए संथाल में एक और हुल आंदोलन की जरूरत है । हमें इस जननायक के सामने शपथ लेकर के इस लड़ाई को आगे बढ़ाने पड़ेगी। इस मौके पर महिलाओं ने सिद्धू कान्हू के गीतों से सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के बाद सबों ने पैदल चलकर गांधी मैदान स्थित सिद्धू कानू प्रतिमा में माल्यार्पण करके उन्हें याद किया। इस मौके पर रमेश सिंह रावत, नवीन, पिंटू यादव, राजकिशोर मरांडी, जितेंद्र मंडल, आदि उपस्थित थे। इस दौरा माने बेसरा, निमाई चंद्र सेन, अशोक सिंह ,रमेश पंडित,सुकदेव भंडारी, सीतामुनि हांसदा, मार्कोस मरांडी जैसे वक्ताओं ने अपने विचारों को रखा।