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घटिया सड़क निर्माण मामले में आमने-सामने हुए बाबूलाल और JMM, मिट्टी के ऊपर ढलाई कर बनाई जा रही थी खराब रोड

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द फॉलोअप डेस्क
लोहरदगा जिले के पेशरार गांव में सड़क निर्माण को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए हेमंत सरकार पर सड़क निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा: "हेमंत सरकार में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हैं कि सड़कों के नाम पर घोटाले की परतें बिछाई जा रही हैं। पथ निर्माण विभाग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं संभाल रहे हैं, तो यह विभाग भ्रष्टाचार में कैसे पीछे रह सकता है? वैसे यहाँ पथ निर्माण विभाग में ठेकेदारों के चयन से लेकर टेंडर लेने-देने का “काम” कैसे होता, यह सर्वविदित है। अगर टेंडर नए न्यूनतम दर में भी एलाट होता है तो बाद में ज़्यादा काम दिखाकर पेमेंट बढ़ा देने एवं इसके लिये मनमाना वसूली का खेल किसी से छिपा नहीं है। लगता है हेमंत जी ने ठान लिया है कि जब तक गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स वाले आकर सबसे ज़्यादा घोटाले करने का रिकॉर्ड उनके नाम नहीं कर देते, वे रुकने वाले नहीं हैं। लोहरदगा ज़िले के पेशरार गांव में जिस 'सड़क' का निर्माण हो रहा है, वहाँ सड़क की गिट्टी, डामर या GSB (ग्रैन्युलर सब-बेस) का नामोनिशान नहीं है। सीधे मिट्टी डाली जा रही है, और ऊपर से खानापूर्ति के लिए थोड़ा बहुत मसाला छिड़ककर सबकी आँखों में धूल झोंकी जा रही है। सड़क निर्माण में GSB वह नींव होती है, जिस पर पूरी सड़क की ताक़त टिकी होती है, पर यहाँ तो नींव ही गायब है! खैर, जिस सरकार की नींव ही घोटालों और भ्रष्टाचार पर टिकी हो, वहाँ ये छोटी-मोटी सड़कें तो बारिश में बहने के लिए ही बनती हैं। मुख्यमंत्री जी इसकी जॉंच कराइये और दोषी लोगों पर कठोर कार्रवाई करिये। हॉं, ध्यान रहे कि कहीं आपकी “चोर मंडली” उल्टे इस भ्रष्टाचार का वीडियो बनाने वाले पर ही झूठा मुक़दमा करवा कर उसे ही परेशान करने न लग जाय... जैसा आजकल आपके राज में हो रहा है।"


इस ट्वीट के बाद जेएमएम नेता विनोद पांडेय ने बाबूलाल मरांडी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा: "मरांडी जी का वीडियो ज्ञान तथ्यहीन आरोपों का पुलिंदा है। भाजपा शासनकाल की देन है वो जर्जर सड़कें जिनका हवाला अब दिया जा रहा है। हेमंत सरकार के कार्यों से भाजपा बौखलाहट में है। मुख्यमंत्री स्वयं पथ निर्माण विभाग को देख रहे हैं ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जा सके। भाजपा को तकलीफ ठेकेदारी घोटालों पर लगाम लगने से हो रही है। झूठ और अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई होगी, क्योंकि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब झूठ फैलाने की छूट नहीं होती।" 


हालांकि, बाद में बाबूलाल मरांडी ने एक और ट्वीट कर अपनी पूर्व पोस्ट में तथ्यात्मक सुधार की बात स्वीकारी। उन्होंने लिखा "कल लोहरदगा के पेशरार गांव में सड़क निर्माण में भारी अनियमितता को लेकर जो पोस्ट साझा की गई थी, उसमें एक तथ्यात्मक संशोधन आवश्यक है। उक्त सड़क पथ निर्माण विभाग द्वारा नहीं, बल्कि Rural Engineering Organization (REO) द्वारा बनाई जा रही है। बाक़ी हालत वही है सड़क मिट्टी पर खड़ी है, नींव ग़ायब है, और भ्रष्टाचार अपनी पूरी बुलंदी पर है। विभाग कोई भी हो, सरकार तो आपकी ही है मुख्यमंत्री जी… और जवाबदेही भी आपकी ही बनती है। और चाहे पथ निर्माण हो या भवन निर्माण, आरईओ हो या जल संशाधन या पेयजल। निर्माण कार्य में लगे ऐसे सारे विभागों में ठेके-पट्टे आवंटन से लेकर भुगतान करने तक में भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी किसी से कम थोड़े न है..."