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बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी पर चार्जशीट दाखिल, 2021 का है मामला

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द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी खिलाफ रांची पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। गौरतलब है कि अरगोड़ा थाने में 7 अगस्त 2021 को श्रम अधीक्षक अविनाश कृष्ण ने एफआईआर दर्ज करायी थी। दो सालों बाद केस के अनुसंधान पदाधिकारी डीएसपी रजत मणि बाखला ने बालश्रम प्रतिबंध अधिनियम की धारा 14 [1(1)] और एसटी- एससी प्रताड़ना अधिनियम 1989 की धारा 3 (1) (एच) के तहत चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में लिखा गया है कि सुनील तिवारी के खिलाफ दोनों धाराओं में आरोप सत्य पाया गया। अरगोड़ा थाना में दर्ज केस में अनुसंधान पदाधिकारी ने लिखा है कि 12 वर्षीय बच्ची और उसका भाई सुनील तिवारी के आवास पर ही रहते थे। उनके आवास में चार कुत्ते थे, जिन सबका पूरा देखभाल बच्ची का भाई किया करता था। बच्ची घरेलू काम करती थी।

 

केस में पुलिस ने लालपुर थाना प्रभारी ममता कुमारी का बयान भी दर्ज कराया है जिसमें ममता ने कहा है कि वरीय पदाधिकारियों के निर्देशानुसार रेस्क्यू कर उसके घर वालों के साथ सीडब्लूसी में बयान दर्ज कराया गया था। इसके बाद एफआईआर दर्ज करायी गई थी। बता दें कि फिलहाल केस में सुनील तिवारी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक है। चार्जशीट में जिक्र है कि पूरे मामले में रांची एसएसपी किशोर कौशल ने 17 जून को प्रतिवेदन 3 निकाला था। प्रतिवेदन 3 में बालश्रम और एसटी एससी एक्ट की संगत धाराओं के तहत आरोप को सत्य बताते हुए चार्जशीट का आदेश केस के अनुसंधान पदाधिकारी डीएसपी रजतमणि बाखला को दिया गया था। वहीं आरोप पत्र समर्पित करने के पूर्व मुआवजा के लिए प्रस्ताव समर्पित करने का आदेश भी केस के अनुसंधान पदाधिकारी को दिया गया। बता दें कि खूंटी की रहने वाली एक युवती ने सुनील तिवारी पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। 

राजनीति के लिए किया गया इस्तेमाल 
इधर लड़की के भाई ने झारखंड हाईकोर्ट में आईए दायर कर पुलिस पर ही आरोप लगाया है। उसने हाईकोर्ट को बताया है कि 15 अगस्त 2021 को पुलिस जबरन उसके परिवार के सदस्यों को उठा लिया था। इसके बाद ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायी गई थी। हैवियस कार्पस भी फाइल किया गया था। पुलिस चाहती थी कि नाबालिग इस मामले में प्रताड़ना का केस करे। नाबालिग के भाई ने कहा है कि सिर्फ राजनीतिक षडयंत्र के कारण उसकी नाबालिग बहन का इस्तेमाल किया गया। नाबालिग के भाई ने हाईकोर्ट को बताया कि उसके बड़े भाई ने भी सुनील तिवारी के खर्चों पर ही पढ़ाई पूरी की और अब चेन्नई में नौकरी कर रहा है। नाबालिग भी तब सेंट कुलदीप स्कूल में पढ़ाई करती थी। उसके ट्यूशन व तमाम पढ़ाई के खर्च भी सुनील तिवारी उठाते थे। नाबालिग के भाई ने कहा है कि सिर्फ राजनीतिक षड्यंत्र के कारण उसकी नाबालिग बहन का इस्तेमाल किया गया। सुनील तिवारी ने इस मामले में कहा है कि मामले की चार्जशीट की जानकारी मिली है। राजनीतिक कारणों से षड्यंत्र कर उनके खिलाफ मुकदमा किया गया था। सुनील तिवारी ने कहा है राज्य पुलिस ही नहीं, सीबीआई से जांच करा लें, हम बेदाग निकलेंगे। तिवारी ने कहा कि मैंने खुद इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग सरकार से की है। 

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