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बांग्लादेशी घुसपैठियों से आदिवासियों का अस्तित्व और अस्मिता BJP ही बचाएगी- बाबूलाल मरांडी

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने फिर से संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ और इससे इलाके की डेमोग्राफी में बदलाव का मुद्दा उठाया। बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि हाईकोर्ट चिंता जाहिर कर चुका है। लव जिहाद और लैंड जिहाद को लेकर चिंता जाहिर की गई है। राज्य की एजेंसियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया, बावजूद इसके झारखंड की झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तत्परता नहीं दिखाई है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संताल परगना में आदिवासी अस्तित्व और अस्मिता की रक्षा अब केवल बीजेपी करेगी। 

 

बाबूलाल मरांडी ने आतंरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया
बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती आबादी आदिवासी समाज को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ राज्य की आतंरिक सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है। बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में सत्तारुढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस अपने वोट बैंक को मजबूत करने की खातिर, बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्रवाई करने से कतराती है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनते ही चुन-चुनकर सारे घुसपैठियों को बाहर खदेड़ा जायेगा। 

 

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को क्या निर्देश दिया था!
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार को यह निर्देश दिया था कि सभी संताल परगना के अंतर्गत आने वाले जिलों के उपायुक्तों को यह सुझाव देने का काम सौंपें कि, बांग्लादेशी घुसपैठियों को कैसे बाहर किया जा सकता है? झारखंड हाईकोर्ट ने कहा था कि संताल परगना में डेमोग्राफी बदलाव की गहन जांच होनी चाहिए। यह चिंता का विषय है। झारखंड हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी यह बताने को कहा था कि संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने की दिशा में क्या कदम उठाये गये हैं? गौरतलब है कि बीजेपी लगातार यह मुद्दा उठाती रही है। इसके पक्ष में आकंड़ा भी पेश करती है कि वर्ष 1952 से लेकर 2011 तक में संताल परगना के साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, दुमका और जामताड़ा में कैसे मुस्लिम आबादी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। 

बीजेपी के आरोपों पर राज्य सरकार ने यह जरूरी सवाल पूछा
बाबूलाल मरांडी और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी कई मौकों पर कह चुके हैं उनकी सरकार आयेगी तो संताल परगना में एनआरसी लागू होगा। बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उनको बाहर खदेड़ा जायेगा। बीजेपी आरोप लगाती है कि संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिये, भोली-भाली आदिवासी लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाते हैं। उनसे विवाह रचाते हैं। उनकी जमीनों पर कब्जा कर लेते हैं। पैसे और रसूख की बदौलत पत्नियों को चुनाव लड़ाकर स्थानीय निकायों पर कब्जा कर लेते हैं। वहीं, सत्तापक्ष का कहना है कि बीजेपी को घुसपैठ पर कहने का नैतिक अधिकार नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा किसके जिम्मे है? यह तो केंद्रीय सूची का विषय है। सीमा सुरक्षा, केंद्र सरकार के अधीन आता है। अगर फिर भी घुसपैठ हो रही है तो दोषी कौन है? 

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