द फॉलोअप डेस्क
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने रोजगार और प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर राज्य सरकार पर तंज किया है। इसे लेकर बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा किया है। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा है, “सीएम ने पहली कैबिनेट बैठक के बाद 1 जनवरी 2025 से पहले JPSC और JSSC परीक्षाओं के लिए नियुक्ति कैलेंडर जारी करने का घोषणा की थी। लेकिन साल का अंतिम दिन भी बीतने को है, अब तक परीक्षा परिणाम या कैलेंडर जारी करने की कोई पहल नहीं की गई है। उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री पद की गरिमा का सम्मान करिए और झूठ बोलने की आदत छोड़कर प्रतियोगी परीक्षाओं का पारदर्शी क्रियान्वयन शुरू कीजिए।”
हेमंत सोरेन जी ने पहली कैबिनेट बैठक के बाद 1 जनवरी 2025 से पूर्व JPSC और JSSC परीक्षाओं के लिए नियुक्ति कैलेंडर जारी करने का घोषणा किया था।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 31, 2024
साल का अंतिम दिन भी बीतने को है, लेकिन अब तक परीक्षा परिणाम अथवा कैलेंडर जारी करने की कोई पहल नहीं की गई है।@HemantSorenJMMजी, झूठ बोलने… pic.twitter.com/rBQHhL02f6
बाबूलाल मरांडी ने एक अन्य पोस्ट साझा करते हुए लिखा है कि झारखंड में बेरोजगारी आसमान छू रही है। बेरोजगारी कम करने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की शुरुआत की गई थी। लेकिन यह योजना केवल कागज़ों पर ही सीमित रह गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में, गिरिडीह जिले के 416 लोगों ने रोजगार के लिए आवेदन किया, लेकिन एक भी व्यक्ति को ऋण स्वीकृत नहीं हुआ।
झारखंड में बेरोजगारी आसमान छू रही है। बेरोजगारी कम करने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की शुरुआत की गई थी। लेकिन यह योजना केवल कागज़ों पर ही सीमित रह गई है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) December 31, 2024
वित्तीय वर्ष 2024-25 में, गिरिडीह जिले के 416 लोगों ने रोजगार के लिए आवेदन किया, लेकिन एक भी व्यक्ति को ऋण स्वीकृत… pic.twitter.com/rAGvE9T2Id
बाबूलाल ने पोस्ट में कहा है कि सिर्फ कागज़ी घोषणाओं से जनता का पेट नहीं भरता। वादे करना आसान है, लेकिन असली चुनौती उन्हें धरातल पर लागू करना है। साथ ही उन्होंने सरकार से कहा कि राज्य के लाखों युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। अपनी घोषणाओं को कागज़ों से बाहर निकालकर रोजगार के पर्याप्त अवसर सृजित करिए।