रांची:
बंधु तिर्की की सदस्यता रद्द होने की वजह से खाली हुई मांडर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। चुनाव की तारीख का एलान होते ही राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपन सियासी बिसात पिछानी शुरू कर दी है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि मांडर में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होगा। पिछली बार यहां से झाविमो के सिंबल पर बंधु तिर्की और बीजेपी के सिंबल पर देवकुमार धान चुनावी मैदान में थे। गत चुनाव में बंधु तिर्की ने जीत हासिल की थी।
बंधु तिर्की की उत्तराधिकारी होंगी शिल्पी नेहा
सियासी गलियारों में चर्चा है कि मांडर उपचुनाव में बंधु तुर्की की बड़ी बेटी और उनकी उत्तारधिकारी शिल्पी नेहा तुर्की उम्मीदवार हो सकती हैं। गौरतलब है कि बीते दिनों बंधु तिर्की दिल्ली प्रवास के दौरान सौनिया गांधी से मिले थे। उसमें मांडर उपचुनाव में उत्तराधिकार पर चर्चा हुई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कां ग्रेस आलाकमान भी शिल्पी नेहा तिर्की के नाम पर सहमत हो गया है। बस पीसीसी की ओर से बंधु तिर्की की बेटी को कांग्रेस में शामिल कराकर दिल्ली नाम भेजना बाकी है।
गौरतलब है कि पिछली दफा मांडर सीट से कांग्रेस के सिंबल पर सन्नी टोप्पो चुनावी मैदान में थे। संभावना है कि वो इस बार भी जोर लगाएंगे।
बीजेपी की ओर से डॉ. अरुण उरांव का नाम आगे
बीजेपी की तरफ से पूर्व आईपीएस डॉ. अरुण उरांव का नाम सबसे आगे चल रहा है। डॉ. अरुण उरांव बीेत कई वर्षों से बीजेपी में हैं। उनका नाम बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के करीबियों में शुमार हो चुका है। डॉ. उरांव के रात्रि पाठशाला चलाने के काम ने उनको काफी लोकप्रियता दी है। वे सुदूर ग्रामीण इलाकों में बच्चों को बढ़ा रहे हैं। बीते कई वर्षों से मांडर, लोहरदगा और गुमला में सक्रिय भी हैं। इस बीच पूर्व मंत्री देवकुमार धान और रांची की मेयर आशा लकड़ा का नाम भी चर्चा में है।