द फॉलोअप डेस्कः
होली में उत्साह का स्तर ऐसा रहता है कि कई बार यह खतरनाक रूप ले सकता है। रंगों के कारण किसी को त्वचा डैमेज हो जाए तो रंग में भंग पड़ जाता है। त्योहार की खुशी तब और बढ़ जाती है जब आप अपनी सुरक्षा का खयाल रखते हैं। इसलिए होली खेलने से पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए। जैसे त्वचा को माइश्चराइज करना यानी नमी बनाकर रखना बहुत जरूरी होता है। दरअसल, सूखी त्वचा पर चढ़े रंग आसानी से नहीं उतरते। साथ ही ये रंग इतने जिद्दी भी होते हैं कि इन्हें हटाने में त्वचा पर रैशेज आ सकते हैं।
किस तरह की सावधानी बरते
त्वचा पर माइश्चराइजर लगाकर बाहर निकलें। इन दिनों धूप तेज होने लगी है। होली खेलने जा रहे हैं तो सनस्क्रीन लगाकर जाएं। यह आपकी त्वचा को धूप में झुलसने से भी बचाएगा। अगर माइश्चराइजर नहीं है तो त्वचा पर कोई तैलीय क्रीम या फिर तेल भी लगा सकते। इससे रंगों का विपरीत असर पड़ने का खतरा नहीं रहेगा बालों को खतरनाक कृत्रिम रंगों और गुलाल से बचाने का पूरा प्रयास करें। आंखों में रंग या गुलाल न जाने पाए, इसके लिए आप चश्मे का प्रयोग कर सकते हैं।
संक्रमण से बचाव
रंगों से होने वाले संक्रमण से बचने के लिए विटामिन सी, विटामिन 12 की गोली ले सकते हैं। यदि आप मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो खानपान में सतर्कता रखे। पहले देख लें कि आपका शुगर नियंत्रित है या नहीं। कृत्रिम रंगों में ब्रोमाइड के अलावा क्रोमियम, कापर सल्फेट, आयरन सल्फाइड, जिंक, निकिल, ब्लैक लेड, आक्साइड, क्रोमियम आयोडाइड, सिल्वर एल्युमिनियम ब्रोमाइड, मर्करी सल्फेट, टाइटेनियम, कोबाल्ट, कोबाल्ट अमोनिया, कापर सहित कई हानिकारक तत्व और धातु मिले होते हैं। इनसे त्वचा कैंसर तक होने का खतरा रहता है।
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पूरे कपड़े पहने
रंगों से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें। आप त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए वाटरप्रूफ कपड़े भी पहन सकते हैँ। नाखूनों को रंगों से बचाने के लिए महिलाएं नेल पेंट लगाती हैं, यह अच्छा तरीका है। गुब्बारों से चोट लग जाए और खून निकल आए तो घबराएं नहीं। पहले सूती कपड़े से आंखों को ढंकें। त्वचा की एलर्जी या आंखों में एलर्जी हो गई है या सूजन आ गया है तो ऐसी स्थिति में चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। चिकित्सक ने खानपान में नियंत्रण रखने की सलाह दी है तो इसका जरूर ध्यान रखें। बाजार की मिठाइयों या खानपान से दूरी रखें या गुणवत्ता के प्रति आश्वस्त होने के बाद ही उसका सेवन करें