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'हफीजुल हसन की शपथ अमान्य है', BJP ने राज्यपाल से की सीएम हेमंत के मंत्री की शिकायत

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द फॉलोअप डेस्क, रांची:

आज हेमंत सोरेन सरकार के कैबिनेट का विस्तार हुआ। मधुपुर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक हफीजुल हसन अंसारी ने भी शपथ ली। अब, भारतीय जनता पार्टी ने हफीजुल हसन द्वारा शपथ ग्रहण की शुरुआत में इस्तेमाल किए गये शब्द पर आपत्ति जताते हुए राज्यपाल से शिकायत की है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, झारखंड में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी और मुख्य सचेतक बिरंचि नारायण ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मांग की है कि हफीजुल हसन अंसारी के शपथ को अमान्य घोषित किया जाये। नए सिरे से सही ढंग से शपथ लेने तक उनको मंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण ना करने दिया जाये। 

 

असम के मुख्यमंत्री ने क्या आरोप लगाये!
असम के मुख्यमंत्री और झारखंड में चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने हफीजुल हसन अंसारी के शपथ ग्रहण का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि झारखंड राज्य में मंत्री ऐसे शपथ लेते हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे। राज्य के नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि हफीजुल हसन को कार्यभार ग्रहण करने न दिया जाये। क्योंकि, यह शपथ अमान्य है। संविधान के विरुद्ध है। 

अमर बाउरी-बिरंचि नारायण ने सौंपा ज्ञापन
गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी और मुख्य सचेतक बिंरचि नारायण ने सोमवार को झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। उनको एक ज्ञापन सौंपा। बीजेपी ने राज्यपाल से कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने आज अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। पद और गोपनीयता की शपथ के दौरान मधुपुर के विधायक हफीजुल हसन अंसारी ने जिस तरीके से राज्यपाल के क़ल के बाद धार्मिक पंक्ति से शुरुआत की, वह गैर-संवैधानिक था। उनको दोबारा शपथ दिलाई जाये। तब तक उनको मंत्रिपद से मुक्त माना जाये। 

शपथ ग्रहण समारोह में धार्मिक शब्दों के इस्तेमाल का यह पहला मामला नहीं है। अभी हाल ही में संसद में झारखँड के लोहरदगा संसदीय सीट से चुने गये कांग्रेस के सुखदेव भगत ने सरना मां के नाम से शपथ ली। हैदराबाद से एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने जय फिलिस्तीन कहा। किसी सदस्य ने अल्लाह के नाम की शपथ ली। इसे लेकर खूब विवाद हुआ था। 

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