logo

Jharkhand : राज्यपाल से मिला BJP का प्रतिनिधिमंडल, बाबूलाल बोले; गांडेय में उपचुनाव संभव नहीं

a1412.jpeg

द फॉलोअप डेस्क, रांची:

राज्यपाल से मुलाकात के बाद बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गांडेय विधायक सरफराज अहमद को जबरन इस्तीफा दिलाया। अफरा-तफरी के माहौल में विधायक दल की बैठक बुलाई। हमने पहले ही कहा था कि  सरकार के कार्यकाल में 1 साल से भी कम समय बचा है, ऐसे में गांडेय में उपचुनाव नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी यही कहता है। लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लगेगी, ऐसे में बमुश्किल 8 महीने ही बचे हैं। हमने राज्यपाल से यही कहा है कि गांडेय में उपचुनाव नहीं होना चाहिए। वे निर्चावन आयोग को चिट्ठी अग्रसारित करें। विधिसम्मत निर्णय लें।

राज्यपाल को ताजा सियासी हालात से अवगत कराया
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हमने राज्यपाल को झारखंड की ताजा सियासी हालात से अवगत कराया है। हमने राज्यपाल को बताया कि संवैधानिक या कानूनी दृष्टिकोण से झारखंड के गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव संभव नहीं है, क्योंकि हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में 1 साल से भी कम समय बचा है। यदि उसमें लोकसभा चुनाव को लेकर लगने वाली आदर्श आचार संहिता को जोड़ लें तो वह भी केवल 8 महीने का ही कार्यकाल रह जाता है। ऐसे में गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन होगा। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने गांडेय विधायक डॉ. सरफराज अहमद से इस्तीफा दिलाकर राज्य में राजनीतिक अस्थिरता के हालात पैदा कर दिए हैं। यह जनता को भ्रम में डालने का प्रयास लगता है। 

गांडेय विधानसभा सीट पर सरकार ने दिखाई अधीरता! 
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुश्किलों में घिरे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले तो गांडेय विधायक से जबरन इस्तीफा लेकर अधीरता दिखाई और फिर अफरा-तफरी के माहौल में विधायक दल की बैठक बुला ली। झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल राज्य निर्वाचन विभाग से मिला और गांडेय सीट पर आनन-फानन में उपचुनाव कराने की मांग की। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झामुमो का तर्क है कि पहली विधानसभा 6 जनवरी 2020 को अधिवेशित हुई थी और उस हिसाब से 31 दिसंबर 2023 को इस्तीफा देने से रिक्त हुई गांडेय विधानसभा सीट का कार्यकाल 1 साल से अधिक बचा है जबकि ऐसा नहीं है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिस दिन मतगणना के बाद निर्वाचन आयोग ने जीते हुए सदस्यों की सूची जारी कर दी और राज्यपाल को इससे अवगत करा दिया, उसी दिन से विधानसभा का कार्यकाल आरंभ मान लिया जाता है। ऐसे में गांडेय पर उपचुनाव संभव नहीं है। 

बाबूलाल मरांडी ने कहा हमने राज्यपाल को जो चिट्ठी सौंपी है उसमें संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों द्वारा समझाया है कि कैसे गांडेय सीट पर उपचुनाव संभव नहीं है। हमने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वे केंद्रीय निर्वाचन आयोग को पत्र अग्रसारित कर वस्तुस्थिति से अवगत कराएं।