logo

सरकार हमारे आंदोलन से डरी हुई है इसलिए कुचलना चाहती है, लाठीचार्ज को लेकर BJP ने राज्यपाल से की जांच की मांग

MILA.jpg

द फॉलोअप डेस्कः
11 अप्रैल को सचिवालय घेराव कार्यक्रम हुआ था। इस दौरान पुलिस की तरफ से जमकर लाठीचार्ज किया गया था। आंसू गैस के गोले छोड़े गये थे। उधर भीड़ की तरफ से पथराव भी किया गया, जिससे कई लोग घायल हुए थे। इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मुलाकात की है। भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को  ज्ञापन सौंपकर कहा है कि भाजपा हेमंत सरकार की विफलताओं, नाकामियों को उजागर करती रही है। इस सरकार के वादाखिलाफी को सड़क से सदन तक हमने लगातार उजागर किया है। बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले आए दिन उजागर हो रहे हैं। यह बहुत शर्मनाक बात है कि भ्रष्टाचार के मामले में खुद मुख्यमंत्री उनके परिजन, सहयोगी के साथ कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता भी उजागर हुई है। राज्य सरकार की नीतियों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार की नियत में ही खोट है। यह सरकार अपने परिजनों और चहेतों को केवल खनिज संसाधनों और राज्य के खजाने को लूटने की छूट देना चाहती है। राज्य सरकार की तुष्टिकरण नीति का परिणाम है कि राज्य के अल्पसंख्यक और बहुसंख्यकसमुदाय के बीच तनाव बढ़ा है। 


जनांदोलनों को कुचलने की नई परंपरा शुरू 
भाजपा ने कई सांगठनिक कार्यक्रमों से राज्य सरकार की नाकामियों एवं जनविरोधी नीतियों को उजागर किया है। हेमंत सरकार भाजपा के आंदोलन से डरी सहमी है। इसलिए भाजपा के हर आंदोलन को कुचलने की कोशिश करती रही है। सचिवालय घेराव कार्यक्रम में तो हेमंत सरकार ने हिटलरशाही सोच की पराकाष्ठा कर दी। हेमंत सरकार ने अपने खिलाफ हो रहे जनांदोलनों को कुचलने की नई परंपरा शुरु की है। यह सरकार आंदोलनकारियों को अपराधी मानती है। आंदोलन के एक दिन पूर्व सभी जिलों में सरकारी आदेश जारी कर 10 अप्रैल को अपराहन 2 बजे से 11 अप्रैल को अपराह्न 2 बजे तक एंटी क्राइम चेकिंग के नाम पर प्रदर्शन में आने वाले नेताओं, वाहन  चालकों, मालिकों एवं आम जनता को थाना प्रभारियों द्वारा डराया धमकाया गया। रैली में आ रहे वाहनों की पूरे रास्ते में जगह-जगह चेकिंग की गई ताकि जन सैलाब राजधानी रांची तक नहीं पहुंच सके। रैली के एक दिन पूर्व झामुमो नेता की प्रेसवार्ता में सत्ता का अहंकार और जनांदोलन का भय स्पष्ट उजागर हुआ। बावजूद इसके प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम पूरी तरह लोकतांत्रिक था।

लोकतंत्र में सत्ता की विफलताओं नाकामियों को उजागर करना विपक्ष का धर्म है जिसका पालन लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा ने किया है। इस कार्यक्रम में शामिल हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं एवं आम जनता ने धैर्य एवं संयम का परिचय दिया। कहीं भी कोई तोड़-फोड हिंसा नहीं की। ऐसे में पुलिसिया धौंस, फर्जी मुकदमों संगीन अपराध की कानूनी धाराओं के आधार पर हेमंत सरकार अपने कुकृत्यों पर पर्दा डालना चाहती है। राज्य सरकार ने तानाशाही और हिटलरशाही को भी मात दे दी है। इसलिए भाजपा का यह प्रतिनिधिमंडल आपसे सादर अनुरोध करता है कि 11 अप्रैल 2023 को भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम में हुई पुलिसिया कार्रवाई, लाठीचार्ज, नेताओं-कार्यकर्ताओं पर हुए फर्जी मुकदमों की न्यायिक जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग करती है। आज के प्रतिनिधिमंडल में दीपक प्रकाश, बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, डॉ प्रदीप वर्मा , बालमुकुंद सहाय प्रदेश महामंत्री