द फॉलोअप डेस्कः
मानसून सत्र के तीसरे दिन झारखंड विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा के विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। विधायक राज्य में कम वर्षा से किसानों को हो रही परेशानी और अकाल क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे थे। विधायकों ने कहा कि कम वर्षा के कारण किसान खेतों में बुआई नहीं कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों ने जो धान बेचा था उसकी राशि उन्हें नहीं दी गई है। आज भी पैक्स में किसानों के धान वैसे ही पड़े हुए हैं। केंद्र सरकार दो हजार रुपए देती है लेकिन हेमंत सरकार मगर किसानों को लेकर संजीदा नहीं हैं। हाथों में तख्ती लेकर भाजपा के विधायक लगातार सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं। विधायकों ने नियोजन नीति के मसले पर भी सरकार को घेरा।
किसान विरोधी है हेमंत सरकारः मनीष जायसवाल
वहीं भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने हेमंत सरकार को किसान विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि यदि वर्षा की स्थिति ऐसी ही रही तो राज्य को अकाल क्षेत्र घोषित करें और किसानों को सहायता राशि दे। वहीं शशिभूषण मेहता ने कहा कि सरकार यदि उस क्षेत्र में बन रही महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना को पूरा कर देती तो पांकी सहित पलामू के कई क्षेत्रों में किसानों के खेत तक पानी पहुंच जाता, मुख्यमंत्री के पास यह फाइल लंबे समय से पड़ी हुई है और सरकार ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में एक बार फिर जहां पलामू सहित राज्य में सुखाड़ की स्थिति बनी हुई है सरकार को सदन में विशेष चर्चा करा कर राज्य को अकाल क्षेत्र घोषित करना चाहिए था।
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