द फॉलोअप डेस्क
राज्य सरकार के तीन महत्वपूर्ण विभागों में बड़े टेंडरों पर पूरी तरह ब्रेक लगा हुआ है। पांच करोड़ से ऊपर का कोई भी टेंडर फाइनल नहीं हो रहा है। इसका सीधा असर विकास पर पड़ने लगा है। महीनों से यह स्थिति बनी हुई है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि पथ निर्माण, जल संसाधन विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग में अभियंता प्रमुख के पद रिक्त हैं। सरकार के संज्ञान में होने के बाद भी इसका समाधान नहीं ढूंढा जा रहा है। सरकार के लिए परेशानी यह है कि उसे सुयोग्य और मनमाफिक अभियंता नहीं मिल रहा। हालांकि इसकी बेसब्री से तलाश जारी है।
जानकारी के अनुसार पथ निर्माण विभाग में अभियंता प्रमुख के अलावा केंद्रीय निरूपण संगठन(सीडीओ) के मुख्य अभियंता के पद भी रिक्त हैं। इसी तरह जेपी सिंह के रिटायरमेंट के बाद, पिछले दो महीने से अभियंता प्रमुख के पद रिक्त हैं। जल संसाधन विभाग में अभियंता प्रमुख-1 और अभियंता प्रमुख-2, दोनों ही पद दो महीने से रिक्त हैं। इसके अलावा भवन निर्माण विभाग में भी पिछले छह महीने से मुख्य अभियंता का पद रिक्त है। अधीक्षण अभियंता पंकज कुमार को प्रभार देकर, काम चलाऊ व्यवस्था बनायी गयी है।
अभियंता प्रमुख के नहीं रहने से क्या है परेशानी
नियमानुसार 25 रुपए तक के टेंडर फाइनल करने का अधिकार कार्यपालक अभियंता को है। इससे ऊपर एक करोड़ तक के टेंडर फाइनल करने की जिम्मेदारी अधीक्षण अभियंता और उससे ऊपर 5 करोड़ तक की जिम्मेदारी मुख्य अभियंता की है। पांच करोड़ से ऊपर के सभी टेंडर अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता वाली कमेटी करती है। इस कमेटी में अभियंता प्रमुख के अलावा मुख्य अभियंता व विभाग के अंतरिम वित्त पदाधिकारी भी मेंबर होते हैं। अब अधिकतर बड़े काम पांच करोड़ से ऊपर के होते हैं। इस कारण टेंडर के निष्पादन पर पूरी तरह ब्रेक लग गया है।