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UPSC Result : कहीं रोल नंबर की गलती तो कहीं एक ही नाम होने की वजह से हुई फजीहत, बिना जांचे ही किया था दावा

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डेस्क: 

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का परिणाम 30 मई को जारी कर दिया गया। परिणाम जारी होते ही जहां सैकड़ों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई तो वहीं कुछ घरों में मातम पसर गया। हालांकि, इस बीच कुछ परिवार ऐसे भी थे जहां पहले खुशियों ने दस्तक दी लेकिन चंद घंटे बाद ही मातमी सन्नाटा पसर गया। ऐसा हुआ क्योंकि कुछ अभ्यार्थियों को नाम और रोल नंबर को लेकर गलतफहमी हो गई थी।

नाम और रोल नंबर में गलतफहमी की वजह से इन्हें लगा कि इनका यूपीएससी में चयन हो गया। आनन-फानन में बिना क्रॉस चेक किए इनके परिवारों ने खबर को आम कर दिया। मिठाइयां बांट दी। मीडिया को बुला लिया लेकिन जैसे ही सच्चाई का पता चला, सारी खुशियां काफूर हो गईं।

उत्तम भारद्वाज की गलती ने कराई फजीहत
पहला मामला यूपी के बुलंदशहर का है। शहर के रहने वाले उत्तम भारद्वाज ने परिणाम देखा और 121वां रैंक हासिल करने का दावा किया। परिवार ने मोहल्ले में मिठाइयां बांट दीं। बाद में जब उत्तम ने रिजल्ट को क्रॉस चेक किया तो पैरों तले जमीन खिसक गई। दरअसल, जिस रैंक को देखकर उत्तम ने खुद के यूपीएससी में सफल होने का दावा किया था वो रैंक हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली एक महिला अभ्यार्थी उत्तम भारद्वाज का था। उत्तम ने बाद में लिखित में माफी मांगी और कहा कि एक्साइटमेंट में उसने केवल नाम और रैंक देखा। पिता का नाम और रोल नंबर चेक किया ही नहीं था।

 

रोल नंबर की आखिरी संख्या ने दिया धोखा
हरियाणा के पलवल की रहने वाली निधि गहलौत ने भी गलत रोल नंबर लिख लिए जाने की वजह से यूपीएससी में पास होने का दावा किया। बाद में पता चला कि उस रैंक पर सोनीपत के जागसी गांव की रहने वाली निधि का चयन हुआ है। दरअसल, ये गलतफहमी एक ही नाम होने की वजह से हुआ। सच का पता चलने पर पलवल की निधि ने सोनीपत की निधि से व्हाट्सएप पर माफी मांगी और यूपीएससी में चयनित होने पर बधाई दी। पलवल की निधि का रोल नंबर 822045 है वहीं सोनीपत की निधि का रोल नंबर 821045 है। आखिरी में 45 की वजह से गलतफहमी हुई। रैंक 524वां है। 

रामगढ़ की दिव्या पांडेय ने भी किया था दावा
झारखंड के रामगढ़ जिला अंतर्गत राजरप्पा की रहने वाली दिव्या पांडेय के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। परिणाम जारी हुआ तो दिव्या पांडेय ने यूपीएससी में 323वां रैंक लाने का दावा किया। जिले की उपायुक्त सहित कई लोगों ने दिव्या को सम्मानित भी किया। गांव में मिठाई बांट दी गई। बाद में पता चला कि 323वां रैंक दरअसल कर्नाटक की दिव्या पी का है, जिसे दिव्या पांडेय समझ लिया गया।

यूपीएससी ने दिव्या पांडेय को प्रोविजनल लिस्ट में डाल दिया है। सामान्य वर्ग से आने वाली दिव्या का परिणाम ओबीसी वर्ग में दिख रहा था। इससे गड़बड़ी की आशंका हुई।