द फॉलोअप डेस्कः
सीबीआई ने साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे, बिलासपुर के चीफ इंजीनियर को 32 लाख रुपये की घूस लेते हुए रांची से गिरफ्तार किया है। उनके साथ उनके एक रिश्तेदार और एक प्राइवेट कंपनी से जुड़े दो लोग भी पकड़े गए हैं। यह कार्रवाई सीबीआई की टीम ने रांची और छत्तीसगढ़ में छापेमारी के दौरान की। सीबीआई को जानकारी मिली थी कि रेलवे में अंडरब्रिज और ओवरब्रिज के ठेके में पैसे लेकर एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाया जा रहा है। जांच के दौरान सीबीआई को पता चला कि प्राइवेट कंपनी का एमडी 21 अप्रैल को चीफ इंजीनियर से मिलने बिलासपुर गया था। बातचीत के बाद तय हुआ कि कंपनी के लंबित कामों को निपटाने के बदले 32 लाख रुपये घूस दी जाएगी।
इसके बाद कंपनी के एमडी ने अपने एक कर्मचारी को पैसे देने की जिम्मेदारी दी और यह रकम रांची में इंजीनियर के रिश्तेदार को पहुंचाई जानी थी। उधर, इंजीनियर ने भी अपने परिजन को पहले से सूचना दे दी थी कि पैसे लेकर एक आदमी आएगा। सीबीआई की टीम पहले से नजर रखे हुए थी और जैसे ही पैसे दिए जा रहे थे, चारों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ जारी है और सीबीआई को छापेमारी में कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं।
सीबीआई के अनुसार, चीफ इंजीनियर 21 अप्रैल को झांझरिया निर्माण लिमिटेड के ऑफिस में सुशील झांझरिया से मिले थे। कंपनी के रेलवे का करोड़ों रुपए को ठेका दिलाने के एवज में 32 लाख रुपए घूस मांगी थी। चीफ इंजीनियर विशाल ने घूस की रकम सीधे लेने के बजाय रांची में अपने भाई कुणाल आनंद को देने को कहा। यह जानकारी मिलते ही सीबीआई ने इन्हें घेरने का प्लान बनाया। जांच एजेंसी के अनुसार, 25 अप्रैल को कंपनी का एक कर्मचारी मनोज पाठक चीफ इंजीनियर के भाई के घर पहुंचा। जैसे ही उसने कुणाल आनंद को घूस की राशि दी, सीबीआई ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। कुणाल से घूस में ली गई राशि भी बरामद कर ली। इसके बाद चीफ इंजीनियर और कंपनी के एमडी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद सीबीआई टीम ने बिलासपुर और रांची में कई जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और कैश बरामद किए गए। सीबीआई के अनुसार, झांझरिया निर्माण लिमिटेड ने यह घूस बड़ा प्रोजेक्ट पाने के लिए दिया था।