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इस्तीफे के बाद पहली बार बोले चंपाई, कहा- मुझे पद की लालसा नहीं लेकिन इस बात का है अफ़सोस

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द फॉलोअप डेस्क
सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद चंपाई सोरेन का पहला बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने शिक्षकों को नियुक्ति पत्र नहीं बांट पाने का अफसोस जताया हैं। दरअसल, 3 जुलाई को धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में 1500 PGT शिक्षकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम होना था। जिसमें पूर्व सीएम चंपाई सोरेन शिक्षकों के बीच नियुक्ति पत्र वितरण करने वाले थे। जिसे स्थगित कर दिया गया। पूर्व सीएम ने कहा कि उन्हें अफसोस है कि वो अपने हाथों से नियुक्ति पत्र नहीं बांट सके। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार चंपाई सोरेन शुक्रवार को अपने गृह जिला सरायकेला पहुंचे। जहां कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। 


छोटे से कार्यकाल से संतुष्ट हूं
सरायकेला में पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पांच महीने के कार्यकाल को लेकर बात की। चंपाई सोरेन ने कहा कि पांच माह के अपने छोटे से कार्यकाल में झारखंड के हर व्यक्ति के हित को ध्यान में रख कर बहुत से काम किये। राज्य के बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने के लिए कैबिनेट में योजनाएं पास करायीं। जनता के बीच पहुंचने का प्रयास किया और सभी समुदायों के लिए कोई न कोई योजना शुरू की। जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू करायी, लेकिन अफसोस है कि अपने हाथों से नियुक्ति पत्र नहीं बांट सका। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन करना जरूरी था। चंपाई सोरेन ने कहा कि पद पर नहीं रहने का मलाल जरूर है लेकिन मैं अपने इस छोटे से कार्यकाल से संतुष्ट हूं।


नौकरी देने के मामले में क्या कहा
नौकरी देने के मामले में चंपाई सोरेन ने कहा कि राज्य में शिक्षक नियुक्ति समेत कई विभागों में लंबे समय से रिक्त पड़े पदों पर बहाली प्रक्रिया निकालकर युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटने की तमन्ना थी, जो उन्होंने पूरी की। चंपाई सोरेन ने कहा कि इन पांच महीने में शिक्षक बहाली, पुलिस विभाग की बहाली, जनजातीय भाषा पर आधारित शिक्षकों की बहाली, स्वास्थ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी कई महत्वपूर्ण और कल्याणकारी योजनाओं को आम जनता के लिए लाया है, जो झारखंड में मील का पत्थर साबित होगा। इतना ही नहीं चंपाई सोरेन ने सीएम हेमंत सोरेन पर उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का भरोसा जताया है। सरायकेला विधायक ने कहा कि उन्हें पद की लालसा कभी नहीं रही है. उन्होंने कहा कि आम जनता के बीच रहकर उनका काम करना है।


152 दिन रहा चंपाई सोरेन का कार्यकाल
 मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के मुद्दे पर कहा कि महागठबंधन सरकार का जो भी निर्णय होगा, वह उनके लिए मान्य होगा। जानकारी हो कि 31 जनवरी 2024 को कथित लैंड घोटाला मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपाई सोरेन ने 2 फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। 152 दिन तक राज्य की बागडोर संभालने के बाद चंपाई सोरेन ने 3 जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 

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