द फॉलोअप डेस्क
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गणतंत्र दिवस के मौके पर दुमका के पुलिस लाइन में राष्ट्रध्वज फहराया। इस दौरान उन्होंने दुमका की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति की गोद में बसे संथाल परगना की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं वीर सपूतों की बलिदानी भूमि से मैं, समस्त झारखंड वासियों को 76वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देता हूं और आप सब का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। भारत के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं बल्कि गौरव और सम्मान है। आज का यह दिन हमारे सम्प्रभुता एवं जनतंत्र के प्रति गहरी आस्था का राष्ट्रीय पर्व है।
मैं, नमन करता हूं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को, पं जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल, शहीदे आजम भगत सिंह और बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेदकर सहित उन महान विभूतियों को, जिनके नेतृत्व में हमारे देश ने स्वतंत्रता प्राप्त की और एक सशक्त लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में विश्व के मानचित्र पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए।
अन्याय और अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करना हमारी परम्परा रही है। इतिहास गवाह है कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के पहले भी झारखंड के कई आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र थे, जहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई। झारखंड के ऐसे महान विभूतियों; भगवान बिरसा मुण्डा, तिलका मांझी, वीर शहीद सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव, बहन फूलो-झानो, वीर बुधु भगत, जतरा टाना भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, शेख भिखारी, टिकैत उमरांव सिंह, पाण्डेय गणपत राय, शहीद विश्वनाथ शाहदेव को भी नमन करता हूं। उनकी संघर्ष गाथा आज भी हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
आज ही के दिन 26 जनवरी, 1950 को हमने अपने संविधान को पूर्णतः लागू किया था। दासता के दुःख भरे इतिहास को भुलाकर एक स्वर्णिम भविष्य की आकांक्षाओं के साथ हमने अपने संविधान को अपनाया और एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण का संकल्प लिया जहां न तो आर्थिक विषमता हो और न सामाजिक भेद-भाव। स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व हमारे संविधान की मूल भावना है और इन्हीं आदर्शों से उस ठोस आधारशिला का निर्माण हुआ है, जिन पर हमारा गणतंत्र मजबूती से खड़ा है।
जब हम आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों के अधिकार की बात करते हैं, तो स्वभाविक रूप से जो नाम हमारे जेहन में सबसे पहले आता है, वह है- संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेदकर का। मैं, नमन करता हूं ऐसे दूरदर्शी सोच रखने वाले राष्ट्रनिर्माता को, जिनके अथक प्रयास की बदौलत सदियों से शोषित इस वर्ग को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिला। हमारे संविधान ने सभी वर्गों के सामाजिक, धार्मिक, भाषाई एवं सांस्कृतिक हितों की रक्षा के साथ-साथ कमजोर वर्गों को अत्याचार और अन्याय से सुरक्षा प्रदान किया है और इसी का प्रतिफल है कि पिछले 75 वर्षों में देश के आदिवासी, पिछड़े, दलित एवं अल्पसंख्यक सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से पहले की तुलना में काफी सशक्त हुए हैं। मेरा मानना है कि बाबा साहब के आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात कर, उनके पदचिन्हों पर चलकर ही हम विकास के लक्ष्यों को सही अर्थों में प्राप्त कर सकते हैं।
जैसा की हम सब जानते हैं, हाल ही में हमारे राज्य में विधान सभा के चुनाव सम्पन्न हुए हैं। यह चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। झारखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी सत्ताधारी दल ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है, वह भी दो तिहाई बहुमत के प्रचंड जन-समर्थन के साथ। झारखंड के प्रत्येक वर्ग और समुदाय, विशेषकर हमारी माताओं-बहनों ने जो भरोसा और विश्वास जताया है, अपना भरपूर प्यार और आशीर्वाद दिया है उसके लिए हम हृदय से आभारी हैं, और झारखंड की महान जनता का अभिनन्दन करते हैं। आज इस मंच से मैं कहना चाहता हूं कि आपके भरोसे ने हमारी जिम्मेवारियां और बढ़ा दी हैं। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए हम दोगुने उत्साह से कार्य कर रहे हैं।
हमारी सरकार झारखंड वासियों की खुशहाली के लिए, यहां व्याप्त गरीबी, बेरोजगारी और पलायन जैसी समस्याओं के समाधान के लिए, सदियों से शोषित एवं वंचित आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों के हक अधिकार के लिए पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। हम सामाजिक न्याय के साथ विकास के नित नये प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं, जिसकी चर्चा चारों तरफ है। झारखंड की सांस्कृतिक पहचान और झारखण्डी अस्मिता को कायम रखते हुए हम विकास के रास्ते पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता रही है। आज से लगभग पांच महीने पहले हमारी सरकार ने झारखंड की बहनों-दीदियों की आर्थिक स्वतंत्रता और गरिमा सुनिश्चित करने के व्यापक उद्देश्य से मंईयां सम्मान योजना के रूप में एक क्रांतिकारी योजना की शुरूआत की थी। क्रांतिकारी इसलिए, क्योंकि झारखंड की सामाजिक- आर्थिक पृष्ठभूमि एवं ग्रामीण परिवेश में यह योजना व्यापक बदलाव लाने का सामर्थ्य रखती है। प्रारम्भ में, इस योजना के तहत् 18-50 वर्ष उम्र तक की सभी बहनों, दीदियों को प्रतिमाह 1000/- रुपये की सम्मान राशि उनके बैंक खाते में उपलब्ध कराने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया था। हमने 1000/- रुपये की सम्मान राशि को बढ़ाकर 2500/- रुपये करने का वादा अपनी बहनों, दीदियों से किया था। हमने जो कहा वह किया और इस योजना के शुरू होने के पांच महीने के अंदर ही सम्मान राशि को प्रतिमाह 1000/- रुपये से बढ़ाकर 2500/- रुपये कर दिया है। झारखंड के समग्र विकास के लिए मंईयां सम्मान योजना अत्यंत प्रभावकारी साबित हो रही है और वर्तमान में लगभग 56 लाख महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं। इस सम्मान राशि से महिलाएं कर्ज की जंजीरों को तोड़ कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। मंईयां सम्मान योजना हमारी बहनों, दीदियों के चेहरे पर खुशी की गारंटी बन गई है।
झारखंड वासियों की उन्नति, खुशहाली और सशक्तिकरण के लिए हमारी सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के अन्तर्गत 8 लाख से अधिक किशोरियों को उनकी शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किया जा रहा है। सखी मंडल के रूप में ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। फुलो झानो आशीर्वाद योजना, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना के माध्यम से महिलाओं को आजीविका का सम्मानजनक विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है। पलाश ब्रांड के जरिए ग्रामीण महिला श्रम शक्ति को सम्मान मिला है।
'सर्वजन पेंशन योजना' के माध्यम से राज्य के हर जरूरतमंद को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। 'अबुआ आवास योजना' के माध्यम से गरीबों को तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध कराया जा रहा है। हरा राशन कार्ड, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन योजना तथा मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना जैसी लोक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से गरीबों तथा जरूरतमंदों को लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य में नियुक्ति की प्रक्रिया को तीव्र करते हुए विभिन्न कोटि के लगभग 48 हजार पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेज दी गई है, जिसमें से 46 हजार पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया जा चुका है। इनमें से 5 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है तथा 28 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई अंतिम चरण में है। झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा 11 वीं 13वीं सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया भी अंतिम चरणों में है, जल्द ही 342 पदों पर नियुक्ति हेतु परीक्षाफल प्रकाशित किये जायेंगे। हमारी सरकार यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि नियुक्तियों में झारखंड के लोगों को उनका उचित हक मिले।
जो युवा स्वरोजगार करना चाहते हैं उन्हें आर्थिक मद्द उपलब्ध करायी जा रही है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए अनुदानित दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के तहत् वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 7,625 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं और लाभुकों के बीच 438 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। राज्य के युवाओं को हुनरमंद बनाने हेतु कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के निमित मुख्यमंत्री सारथी योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत लगभग 4 लाख 84 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 2 लाख 14 हजार प्रशिक्षित युवाओं को जॉब ऑफर प्राप्त हुए हैं। प्रशिक्षण एवं प्रमाणीकरण के तीन माह के अंदर नियोजित नहीं हो पाने वाले युवकों को प्रतिमाह 1000/- रुपये तथा युवतियों एवं दिव्यांगजनों को 1500/- रुपये प्रतिमाह रोजगार प्रोत्साहन भत्ता दिया जा रहा है।
झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से भी पलायन को रोकना सरकार की प्राथमिकता रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और पिछड़ापन को दूर करने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा अन्तर्गत 900 लाख अनुमोदित मानव दिवस के विरूद्ध अब तक 714 लाख मानव दिवस का सृजन करते हुए कुल 2430 करोड़ रुपये की राशि का व्यय किया जा चुका है। मानव दिवस सृजन में महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत है। मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से संचालित बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना तथा बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन योजना से भी ग्रामीण क्षेत्र में खुशहाली आयी है। बिरसा हरित ग्राम योजना अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 29 हजार एकड़ भूमि पर 32 हजार से अधिक परिवारों के लिए बागवानी का कार्य किया जा रहा है। लगभग तीन लाख सखी मंडलों का गठन कर 32 लाख परिवारों को सखी मंडल में जोड़ा जा चुका है तथा इन्हें 452 करोड़ रुपये चक्रीय निधि के रूप में तथा 1,946 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि के रूप में उपलब्ध कराया गया है। 2.66 लाख सखी मंडलों को बैंक क्रेडिट लिंकेज से जोड़ा जा चुका है। सखी मंडल ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
पलाश ब्रांड के जरिए सखी मंडल के उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। सखी मंडलों के द्वारा निर्मित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु 53-पलाश कृषि उत्पादन सामूहिकीकरण केन्द्र, 23-पलाश संस्करण केन्द्र, 155-पलाश निर्माण केन्द्र, 92-पलाश पैकेजिंग और ब्रांडिंग केन्द्र एवं 46 पलाश मार्ट खोले जा चुके हैं। पलाश ब्रांड के जरिये सखी मंडलों की अच्छी आमदनी सुनिश्चित हुई है। इसके साथ-साथ महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के जरिए राज्य के 03 लाख परिवारों को लाह, रेशम उत्पादन, औषधीय पौधे की खेती एवं पशुपालन से जोड़ा गया है।
हमारी सरकार उद्योगों के बुनियादी ढांचे को विकसित कर राज्य में तीव्र औद्योगिक विकास को बढ़ावा दे रही है। औद्योगिक पार्क, लॉजिस्टिक पार्क तथा लॉजिस्टिक इकाईयों की स्थापना हेतु निजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से झारखंड औद्योगिक पार्क एवं लॉजिस्टिक नीति अधिसूचित की गयी है। नई नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को "लैण्ड लॉक्ड स्टेट" से "लैण्ड लिंक्ड स्टेट" बनाना है। वर्तमान में MSME इकाईयों के द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन तथा राजस्व में योगदान दिया जा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार द्वारा झारखंड MSME प्रोत्साहन नीति अधिसूचित किया गया है, जिसमें MSME इकाईयों को 40 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
तसर सिल्क के उत्पादन में झारखंड देश का प्रमुख एवं अग्रणी राज्य है, इसमें संथाल परगना क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1,000 मीट्रिक टन के लक्ष्य के विरूद्ध 1,121 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1500 मीट्रिक टन कच्चे रेशम के उत्पादन की लक्ष्य प्राप्ति की ओर हम अग्रसर हैं। तसर रेशम के उत्पादन में गुणात्मक एवं संख्यात्मक वृद्धि के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7,075 रेशम उत्पादकों को उन्नत कीटपालन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिक्षा की रोशनी से झारखंड की तस्वीर और तकदीर बदलने की हमारी कोशिश जारी है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 से राज्य में 80 CM School of Excellence संचालित हैं। अब सरकारी स्कूलों में भी अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बच्चों को मिल रही है। 325 प्रखण्ड स्तरीय लीडर स्कूलों में आधारभूत संरचना का कार्य प्रगति पर है। अब ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को भी शिक्षा का बेहतर अवसर उपलब्ध हो रहा है। अगले 03 वर्षों में 4,041 पंचायत स्तरीय विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जायेगा।
झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में बोली जाने वाली जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण व्यवस्था विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार के द्वारा विभिन्न जिलों के 1041 विद्यालयों में प्रायोगिक स्तर पर मातृभाषा आधारित शिक्षण व्यवस्था लागू की गयी है। राज्य में जनजातीय भाषाओं में मुंडारी, कुडुख, हो, खड़िया एवं संताली तथा क्षेत्रीय भाषाओं में बांग्ला एवं उड़िया की पाठ्यपुस्तकों का मुद्रण एवं वितरण किया गया है। राज्य के वैसे छात्र जो 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं, उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु गुरूजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत 15 लाख रुपये तक ऋण 4 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर में बैंको के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना के तहत अब तक कुल 650 विद्यार्थियों को 40 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है। मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना तथा एकलव्य प्रशिक्षण योजना के माध्यम से छात्र/छात्राओं को निःशुल्क प्रशिक्षण एवं कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
समाज के वंचित वर्गों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए हमारी सरकार द्वारा वाल्मिकी छात्रवृत्ति योजना लागू की गयी है। इस योजनान्तर्गत अनाथ एवं दिव्यांग विद्यार्थियों को प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु अध्ययन के प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये ट्यूशन फी का भुगतान किया जाएगा। साथ ही दैनिक उपभोग, अध्ययन सामग्री इत्यादि के लिए 4000/- रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा। हमारी सरकार द्वारा मांकी मुण्डा छात्रवृत्ति योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है, इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर तथा राज्य के पोलिटेकनिक संस्थानों में अध्ययनरत छात्राओं को प्रतिवर्ष रुपये 15,000/- तथा अभियंत्रण संस्थानों में अध्ययनरत छात्राओं को प्रतिवर्ष रुपये 30,000/- की छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। मराड गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के तहत् अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को सरकारी खर्च पर विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर सरकार उपलब्ध करा रही है। इस योजना से अब तक 73 छात्र/छात्राओं को लाभान्वित किया गया है। वर्तमान में इस योजनान्तर्गत प्रति वर्ष 25 छात्र/छात्राओं का चयन किया जाता है जिसे बढ़ाकर 50 किये जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
ऋण के बोझ से दबे हमारे अन्नदाता किसानों को झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के माध्यम से सरकार राहत पहुँचा रही है। इस योजना के तहत हमने दो लाख रुपये तक का कृषि ऋण माफ किये जाने का निर्णय लिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 1 लाख 82 हजार लाभुकों का 403 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया है। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 129 करोड़ रुपये की राशि लाभुकों के बीच वितरित की जा रही है। झारखंड राज्य फसल राहत योजना के माध्यम से फसल नुकसान होने की स्थिति में किसानों को उसकी क्षतिपूर्ति के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। सुखाड़ की स्थिति के मद्देनजर कम पानी में पैदा होने वाली मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु झारखंड राज्य मिलेट मिशन प्रारम्भ किया गया है। इसके तहत् किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 3000 रुपये प्रति एकड़ अधिकतम 5 एकड़ तक के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।
राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु हमारी सरकार कृत-संकल्पित है। कई बार हमने महसूस किया है कि राज्य की गरीब जनता को आर्थिक मजबूरियों के कारण बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है। ऐसे कमजोर वर्गों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराने हेतु हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की शुरूआत की है। इस योजना के अन्तर्गत लाभुकों को प्रतिवर्ष, प्रति परिवार 15 लाख रुपये की चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही, राज्य सरकार के द्वारा सरकारी कर्मियों, सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार को भी हर साल 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिये जाने पर स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, जल्द ही इस योजना का लाभ राज्यकर्मियों को मिलने लगेगा।
ग्राम, प्रखण्ड, अनुमण्डल एवं जिला स्तर के अस्पतालों के बेहतर रख-रखाव एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने हेतु इस वर्ष मुख्यमंत्री अस्पताल संचालन एवं रख-रखाव योजना प्रारंभ की गयी है। इस योजना के लिए 1 अरब 35 करोड़ की राशि की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इस राशि का व्यय अस्पताल भवनों के सुदृढ़ीकरण एवं अन्य आवश्यक मदों में किया जायेगा। राज्य के गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा हेतु उच्चतर चिकित्सीय संस्थानों में ससमय स्थानांतरित करने हेतु किफायती दर पर एयर एम्बुलेंस सेवा प्रारंभ की गयी है तथा इस सेवा का लाभ सभी गरीब जरूरतमंद लोगों तक उपलब्ध हो, इसके लिए पूर्व निर्धारित दरों में 50 प्रतिशत की कमी की गयी है।
हमारी सरकार कृषि, ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ साथ राज्य में आधारभूत संरचना के निर्माण को भी बढ़ावा दे रही है। राज्य में सड़क मार्ग, रेल मार्ग एवं वायु मार्ग का विस्तार हुआ है। पर्यटन, औद्योगिक एवं आर्थिक महत्व के केन्द्रों को उन्नत सम्पर्क प्रदान करने के साथ-साथ ग्रामीण पथों एवं राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच सड़क नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में पथ निर्माण विभाग द्वारा अब तक कुल 2,075 कि0मी0 पथों का चौड़ीकरण / मजबूतीकरण / पुनर्निर्माण एवं Riding Quality में सुधार एवं 9 उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया गया है। लगभग 837 करोड़ रुपये की राशि के 43 पथ तथा 1 पुल योजना का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। साथ ही स्वीकृत योजनाओं में लगभग 2,796 करोड़ रुपये की राशि के 89 पथ एवं 9 पुल योजनाओं का विधिवत् शिलान्यास किया गया है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 790 कि०मी० पथ का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। 2,519 करोड़ रुपये लागत राशि की 935 योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिससे 2,368 कि०मी० पथ का निमार्ण किया जाना है। मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना अन्तर्गत 70 पुल निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 51 पुल के निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। राज्यवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके इसके लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं। जल जीवन मिशन के तहत राज्य के कुल 62.55 लाख ग्रामीण परिवारों को कार्यरत घरेलू नल जल (FHTC) के द्वारा शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के लक्ष्य के विरूद्ध अबतक 34 लाख 17 हजार परिवारों को इस योजना से आच्छादित किया जा चुका है। राज्य के कुल 29,398 गाँव में से 6,247 गाँवों को पूर्णरूपेण कार्यरत घरेलू नल जल से आच्छादित किया जा चुका है। घरों के साथ-साथ विद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी नल के पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।
कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं की शिक्षा में कोई व्यवधान न हो, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत् इन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 36 लाख छात्र-छात्राओं को कुल 1,415 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत अब तक कुल 21.54 लाख (इक्कीस लाख चौवन हजार) छात्र-छात्राओं को कुल 442 करोड़ रुपये (चार अरब बयालीस करोड़) छात्रवृत्ति प्रदान किया गया है। हमारी सरकार द्वारा साईकिल वितरण योजना के तहत कक्षा 08 में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को साईकिल उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना के तहत् वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में कुल 04 लाख 71 हजार छात्र-छात्राओं के बीच साईकिल का वितरण किया गया है। छात्र-छात्राओं के ड्रॉप-आउट रेट में कमी लाने में साईकिल वितरण योजना काफी प्रभावी साबित हुई है।
किसी भी प्रदेश के विकास में ऊर्जा का अत्यन्त अहम स्थान है। लोगों को बेहतर विद्युत सुविधा मिल सके, हर गाँव-शहर में बिजली पहुंचे, हमारा यह प्रयास है। राज्य के हर वर्ग के उपभोक्ताओं को सहज विद्युत आपूर्ति हेतु 200 यूनिट प्रतिमाह मुफ्त बिजली उपलब्ध करायी जा रही है, जिससे राज्य के 41 लाख से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित झारखंड मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के माध्यम से लोगों को लाभ मिलना प्रारम्भ हो गया है। इस योजना के तहत अबतक कुल 572 ग्रामीण मार्ग अधिसूचित किये गये हैं तथा उन ग्रामीण मार्गों पर कुल 92 बसों को परमिट निर्गत किया जा चुका है। जहां कई राज्यों में पेड़ों और जंगलों को काटे जाने से हरियाली कम हुई है वहीं हमारे राज्य ने वन संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन किया है। राज्य का वन आवरण एवं वृक्षारोपण बढ़कर राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 34 प्रतिशत हो गया है। हमारे राज्य में पर्यटन के विकास की असीम संभावनाएं हैं। इको टूरिज्म के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर भी पर्यटकीय दृष्टिकोण से सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। झारखंड के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों और स्थापत्य के विरासतों के संरक्षण और विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।
झारखंड की कला, संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध विरासत, गीत-संगीत, भाषा एवं जीवन शैली को संरक्षित करने एवं इसे आगे बढ़ाने की दिशा में झारखंड आदिवासी महोत्सव का आयोजन सरकार का एक महत्वपूर्ण एवं दूरगामी कदम है। जल-जंगल-जमीन हमारी पहचान है और इस पहचान को बनाये रखते हुए हम विकास की ऊंचाईयों को छूने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी सरकार ने हर वर्ग के लिए योजनायें और नीतियाँ बनायी है और उन्हें जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया है। झारखंड के गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों में एक नयी ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हुआ है। हर चेहरे पर उम्मीद की नई किरणें दिख रही हैं। हम जनता से किये हर वादे को पूरी संजीदगी से निभाने का प्रयास कर रहे हैं। आइये! आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम ऐसे राष्ट्र और राज्य के निर्माण का संकल्प लें, जिसकी परिकल्पना हमारे संविधान निर्माताओं ने की है। एक ऐसा राज्य, जहां हर व्यक्ति का अधिकार सुरक्षित हो, सबको विकास का समान अवसर प्राप्त हो तथा कमजोर से कमजोर व्यक्ति की आवाज भी सत्ता के उच्चतम स्तर तक पहुंच सके। याद रखिये ! हम एक मजबूत राज्य का निर्माण करने में तभी सफल होंगे जब लोगों के बीच जाति, नस्ल और रंग का भेद भुलाकर 'सामाजिक भाईचारा' को सर्वोच्च स्थान दिया जाय।
हमारे पूर्वजों के त्याग, बलिदान और समर्पण की गौरव गाथा हमेशा हमारा पथ प्रदर्शन करती रहेगी। मैं, पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अगर नेक नियत, मजबूत ईरादों और बुलंद हौसलों के साथ हम सब मिल-जुल कर प्रयास करें तो एक समृद्ध और खुशहाल झारखंड के निर्माण में जरूर सफल होंगे। इन दो शब्दों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूं - जिन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी है, हमारे हौसलों का इम्तिहान अभी बाकी है, अभी तो नापी है बस मुट्ठी भर जमीन, अभी तो सारा आसमान बाकी है। अंत में मैं, पुनः समस्त झारखंड वासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। जय हिन्द ! जय झारखंड !