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मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने रखी मांग, 'सरना धर्मकोड को केंद्र की मिले मंजूरी'

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द फॉलोअप डेस्क   

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खूंटी में राषट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सरना कोर्ट लागू करने की मांग की है। वे महिला स्वयं सहायता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के आदिवासियों के जीवन-मरण की कुछ मांगें हैं। केंद्र सरकार से इन्हें लागू करने की अनुमति दिलाई जाए, तभी आदिवासियों का वजूद बचेगा। सीएम ने कहा कि झारखंड ने सरना धर्म कोड पास कर केंद्र को भेजा है। उसे पारित कराएं। इस दौरान उन्होंने बताया कि हो, मुंडारी और कुडुख भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। इसे शामिल किया जाए। ताकि यहां पर विकास को गति दिया जा सके।   

आदिवासियों के लिए केवल कागजों पर बन रही योजनाएं- सीएम      

संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों के लिए केवल कागजों पर योजनाएं बन रही हैं और काम हो रहा है, जमीन पर इनकी कोई हकीकत नहीं है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र की सहायता से राज्य में आदिवासियों का तेजी से विकास होगा। उन्होंने कहा कि कहीं कार्यक्रम में जाने पर अधिकारी कुछ स्टॉल लगाकर के हमें दिखाते हैं कि हम यह उत्पाद देते हैं, वह उत्पाद देते हैं। लेकिन, हकीकत यही है कि आज भी योजनाएं धरातल से काफी दूर हैं। सीएम ने कहा कि जो चीजें दिखाई जाती हैं मैं उसे सामने से नहीं देखता। मैं उसके पीछे की हकीकत से रूबरू होना चाहता हूं कि आखिर इसकी जमीनी हकीकत क्या है ? सीम ने कहा कि आदिवासी समुदाय के लोग कई चुनौतियों के साथ संघर्ष कर रहे हैं। कहा कि झारखंड की खनिज संपदाएं पूरे देश के घरों को रोशन करती हैं। लेकिन, आज भी आदिवासी समुदाय के लोग विस्थापन का दंश झेल रहे हैं। दो वक्त की रोटी जुटाने में उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है।

मुख्यमंत्री ने की अर्जुन मुंडा के कार्यों की तारीफ

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अर्जुन मुंडा के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जब से इस विभाग के मंत्री बने हैं तब से इस क्षेत्र में कुछ काम दिख रहा है। उम्मीद करता हूं कि जब तक यह मंत्री रहेंगे झारखंड इनकी सक्रियता बनी रहेगी। राज्य में सिद्धो-कान्हो वन उपज समिति का गठन किया गया है। इस महासंघ को सक्रिय करने में हम बहुत तेजी से लगे हुए हैं। लगभग सभी पंचायत की समितियों को, यूनियन को इससे जोड़ा गया है। इसे तेज गति मिले इसके लिए हम लोगों ने राशि भी उपलब्ध करा दी है। बड़े पैमाने पर महिला समूह का गठन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वनोपज तो तैयार हो रहे हैं, लेकिन, किसानों को लाभ नहीं मिलता है। शहद तैयार होता है तो 200 रुपये किसानों को मिलता है। जबकि, बाजार में 500 बिकता है। इस असमानता को दूर करना है। वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि एमएसपी एक चिंता का विषय है।

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