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दिल्ली : भारत की पहली नोजल वैक्सीन तैयार, भारत बायोटेक के टीके को मिली DCGI की मंजूरी

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दिल्ली: 

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत की पहली नोजल वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। भारत बायोटैक द्वारा निर्मित ये वैक्सीन 18 साल से अधिक आयु के लोगों को दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। बताया गया कि वैक्सीन के आखिरी फेज का ट्रायल पिछले महीने ही खत्म हुआ है। गौरतलब है कि इस वैक्सीन को नाक में ड्रॉप के जरिए दिया जाएगा। इसमें सुई की जरूरत नहीं होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने इसे कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। कहा कि ये हेल्थ सेक्टर के लिए ऐतिहासिक दिन है। 

कोविशील्ड और कोवैक्सीन प्रमुख टीका
गौरतलब है कि भारत बायोटैक की कोवैक्सीन पहले से ही चलन में है। देश में एक बड़ी आबादी को कोवैक्सीन का टीका लगाया गया है। गौरतलब है कि पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटैक का मुख्यालय हैदराबाद में है। कोरोना की पहली लहर के बाह ही भारत बायोटैक ने कोवैक्सीन ईजाद कर लिया था। इसके अलावा भारत में नागरिकों को कोविशील्ड नाम की वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है। कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया है जिसके सीईओ अदार पूनावाला हैं। अब नागरिकों को कोविशील्ड का बूस्टर डोज भी दिया जाने लगा है। 

जनवरी 2021 में शुरू हुआ था अभियान
बता दें कि भारत में वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत जनवरी 2021 में हुई थी। पहले फेज में केवल स्वास्थ्यकर्मियों और वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना का टीका लगाया गया। दूसरे चरण में इसमें सभी व्यस्क नागरिकों को शामिल किया गया। हालांकि मई 2021 में प्रधानमंत्री ने ऐलान कर दिया था कि 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को मुफ्त टीका लगाया जाएगा।