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HC : JPSC संशोधित रिजल्ट को खारिज करने की मांग, हाईकोर्ट में दाखिल हुई याचिका

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रांची: 

जेपीएससी का विवादों से गहरा नाता रहा है। जेपीएससी की तरफ से ऐसी कोई भी परीक्षा अब तक संचालित नहीं हुई है जिसमें विवाद ना हुआ हो। सांतवी से लेकर दसवीं तक की सिविल सेवा परीक्षा का पीटी परिणाम जारी हुआ उसके बाद से ही छात्र आंदोलन कर रहे थे। जेपीएससी ने अपनी भूल स्वीकारी और संसोधित रिजल्ट करने की मांग की।

 

संसोधित रिजल्ट पर भी खड़ा हुआ विवाद
कोर्ट ने आदेश जारी भी कर दिया। संसोधित रिजल्ट जारी होने के बाद से एक अलग ही विवाद शुरू हो गया है। अभ्यर्थी संशोधित रिजल्ट को खारिज करने की मांग कर रहे हैं। सातवीं जेपीएससी से जुड़े विवाद झारखंड हाईकोर्ट पहुंच गया है। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में आज सातवीं जेपीएससी को लेकर सुनवाई हुई है।  

परीक्षा नियमावली का उल्लंघन 
संशोधित परिणाम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने पक्ष रखा है। याचिका में कहा गया है कि प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए 15 गुना परिणाम जारी करना जरूरी नहीं है। ऐसा करना झारखंड कंबाइंड सिविल सेवा परीक्षा नियमावली 2021 का उल्लंघन है। पहले के पीटी के परिणाम में दिव्यांगों के लिए कटऑफ था लेकिन संशोधित परिणाम में कोई कट ऑफ जारी नहीं किया गया है।

406 चयनित अभ्यर्थी बाहर
संशोधित रिजल्ट में 406 चयनित अभ्यर्थी बाहर हो गए हैं। बाहर हुए लोग ही संशोधित परिणाम को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले जेपीएससी ने सुनवाई के दौरान संशोधित रिजल्ट जारी करने की अनुमति कोर्ट से मांगी थी। उनका कहना था कि पीटी परीक्षा में आरक्षण देना गलत है। पीटी रिजल्ट जारी होने के बाद से जेपीएससी पर धांधली का आरोप लगा है।