द फॉलोअप डेस्क
देश की सबसे कड़ी आर्थिक जांच एजेंसी मानी जाने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ED) खुद इस बार सवालों के घेरे में आ गई है। ईडी के डिप्टी डायरेक्टर चिन्तन रघुवंशी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, रघुवंशी पर एक कारोबारी से मनी लॉन्ड्रिंग केस को ‘सेटल’ करने के बदले 5 करोड़ रुपये की मांग करने का आरोप है। बातचीत के बाद यह राशि घटाकर 2 करोड़ रुपये तय की गई थी। CBI ने उन्हें पहली किस्त के तौर पर 50 लाख में से 20 लाख रुपये लेते समय भुवनेश्वर में ट्रैप कर लिया। उस वक्त रघुवंशी ईडी की टीम के साथ एक सर्च ऑपरेशन में शामिल थे।
चिन्तन रघुवंशी भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी हैं। उनके खिलाफ मिली शिकायत के आधार पर CBI ने पहले पूरी योजना बनाई और फिर कार्रवाई करते हुए उन्हें पकड़ लिया। फिलहाल उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। यह मामला इसलिए और गंभीर हो जाता है क्योंकि ईडी देशभर में आर्थिक अपराधों और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करने वाली सबसे अहम एजेंसियों में से एक है। ऐसे में उसके एक वरिष्ठ अधिकारी पर रिश्वत लेने के आरोप न सिर्फ संस्था की साख को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि भ्रष्टाचार की जड़ें अब जांच एजेंसियों तक फैलती जा रही है