द फॉलोअप डेस्क
अमर शहीद वीर बुधु भगत की जन्म स्थली चान्हो के सिलागाई में दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल का किसान मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रमंडल स्तरीय मेला में पांच जिलों के किसान शामिल हुए। इस मेले का आयोजन कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग ने किया, जिसका उद्घाटन मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत से पहले मंत्री शिल्पी तिर्की और अन्य अतिथियों ने अमर शहीद वीर बुधु भगत की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद किसानों को विभिन्न परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। इस दौरान मंत्री शिल्पी ने मेले में लगे 50 से अधिक स्टॉल का निरीक्षण किया। साथ ही किसानों से उनके उत्पादों की जानकारी ली।
इस मौके पर मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने लोगों को संबोधित भी किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि "मंत्री बनने पर कई लोगों ने मुझसे कहा था कि मुझे शिक्षा या स्वास्थ्य विभाग में होना चाहिए था, लेकिन मैं जानती हूं कि मांडर कृषि बहुल क्षेत्र है और यहां कृषि विभाग से ही क्षेत्र का अधिकतम विकास संभव है।" उन्होंने किसानों के साथ सीधे संवाद की अहमियत पर जोर दिया। साथ ही कहा कि राज्य में गुमला, लोहरदगा, और खूंटी के किसान बेहतर काम कर रहे हैं, लेकिन मांडर इस मामले में पीछे है। किसानों से की मेधा डेयरी से जुड़ने की अपील
शिल्पी ने आगे कहा कि कम कपड़े और छोटे मकान में हम रह सकते हैं, लेकिन बिना भोजन के जीवन असंभव है। उन्होंने ग्रामीण किसानों से मेधा डेयरी से जुड़ने की अपील की। साथ ही कहा कि दूध बेचकर किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं द्वारा किए जा रहे कृषि कार्यों की सराहना भी की, जैसे गुमला में अंडा उत्पादन और गिरिडीह में मछली पालन।
जानकारी हो कि मंत्री शिल्पा नेहा तिर्की ने इस अवसर पर यह भी घोषणा की है कि सभी पांच प्रमंडलों में किसान मेला आयोजित किया जाएगा। साथ ही विभाग की योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी पर सहायता दी जाएगी। बता दें इस मौके पर राज्य समन्वय समिति के सदस्य बंधु तिर्की ने भी अपने विचार साझा किए। इसके अलावा किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जागरूक किया। कांके के विधायक सुरेश बैठा ने कृषि मंत्री से अपने क्षेत्र के किसानों के लिए दो कोल्ड स्टोरेज की मांग की।
महिला सहायता समूह को दिया चेक
कार्यक्रम के दौरान चान्हो की महिला सहायता समूह को 7 करोड़ 16 लाख रुपए का चेक दिया गया। साथ ही विभिन्न पुरस्कारों का वितरण किया गया। इसमें सर्वश्रेष्ठ कृषक मित्र, सर्वश्रेष्ठ किसान, महिला किसान और किसान क्रेडिट कार्ड के लाभार्थियों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा मेले में पुस्तकों का विमोचन भी किया गया, जो किसानों की सफलता की कहानियों और कृषि के विभिन्न पहलुओं पर आधारित थी।
यह मेला किसान समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बनकर उभरा। इसमें उन्हें न केवल सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मिली। बल्कि कृषि, पशुपालन, और सहकारिता के क्षेत्र में भी नई संभावनाओं की खोज की।