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इधर बेटी मंडप पर निभा रही थी शादी की रस्म, उधर पिता की उठ रही थी अर्थी

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द फॉलोअप डेस्कः
हजारीबाग जिले के इचाक थाना क्षेत्र अंतर्गत रतनपुर गांव से एक दुखद घटना सामने आई। यहां एक घर में एक तरफ बेटी के फेरों की तैयारी चल रही थी तो वहीं दूसरी तरफ पिता के अर्थी की। दरअसल उक्त गांव में देर शाम सत्येंद्र मेहता उर्फ कारू की बड़ी बेटी अंशु की शादी थी। घर में खुशी का माहौल था। लेकिन अचानक लड़की के पिता तबीयत बिगड़ने लगी। अचानक वो जमीन पर गिर पड़े। परिजनों ने तुरंत उन्हें शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल पहुंचाया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। 


परिवार पर दुख का पहाड़ गिरा 
इधर बेटी मंडप पर सारे रस्म निभा रही थी, उधर पिता की जान चली गयी। जब घर में खबर आई तो खुशी का माहौल गम में तब्दील हो गया। लेकिन लोगों ने तय किया कि बेटी की शादी तय है तो होगी ही। दुल्हन को शिव मंदिर ले जाया गया, जहां उसकी शादी हुई। मंदिर से ही बेटी की विदाई हुई। इसके बाद घर में अंतिम संस्कार की तैयारी परिजनों ने बताया कि सत्येंद्र मेहता  घर का अकेला कमाऊ सदस्य था। उसपर माता-पिता, 2 पत्नी और 4 बच्चों की जिम्मेवारी थी। सत्येंद्र ही पूरे परिवार का पेट पालते थे। सत्येंद्र की पहली पत्नी कबूतरी से कोई संतान नहीं होने पर कारू ने गीता से दूसरी शादी की थी। जिससे उसके चार बच्चे हुए। 

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