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हेल्थ : सड़क हादसे में घायल शख्स के लिए गोल्डन आवर अहम, CPR देकर बचाई जा सकती है जान

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डेस्क: 

सीपीआर का प्रयोग हृदयाघात या हृदयगति रुकने के शिकार व्यक्ति की थमी श्वास क्रिया, रुके हुए हृदय और उसके शरीर में रक्तसंचार थमने से रोकने के लिए किया जाता है। 7 अगस्त 2022 को राइज अप ने पारस हॉस्पिटल के सहयोग से युवाओं के लिए सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रेसुस्सिएशन) एवं फर्स्ट एड ट्रेनिंग का आयोजन किया।  इसमें उन्हें बताया गया कि कैसे अचानक हृदयगति रूकने, दम घुटने , दौरा पड़ने, बेहोशी, शॉक लगने पर अगर तुरंत  प्राथमिक चिकित्सा  दी जाए तो हम ऐसे लोगों की जान बचा सकते हैं। घायलों के लिए गोल्डन आवर काफी अहम होता है।

हेल्पिंग इंडिया फीडिंग इंडिया के सदस्यों की भागीदारी
इस मौके पर हेल्पिंग इंडिया फीडिंग इंडिया के सदस्य मौजूद थे। पारस हॉस्पिटल के बीएलएस इंस्ट्रक्टर डॉक्टर बसंत सौरभ ने लोगों को सीपीआर के बारे में अवगत कराया साथ ही फर्स्ट एड के बारे में भी जानकारी दी। ट्रेनिंग में मौजूद युवाओं ने डमी के साथ सीपीआर का अनुभव किया। सभी प्रतिभागियों को हॉस्पिटल की तरफ से सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।

दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए पहला 1 घंटा अहम
राइज अप के ऋषभ आनंद ने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए पहला 1 घंटा गोल्डन ऑवर होता है। अगर दुर्घटना में घायल व्यक्ति को 1 घंटे में चिकित्सा सहायता मिल जाती है तो उसके जीवन को बचाया जा सकता है। उन्होंने सभी से घायल व्यक्ति को तुरंत मदद करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए। युवाओं के लिए स्पीड एक ट्रैप है इससे बचने की कोशिश करना चाहिए। साथ ही वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए।


सड़क हादसों से कैसे बचें इसपर वीडियो और प्रेजेंटेशन के माध्यम से ब्लाइंड स्पॉट, डच रिच थियोरी आदि की जानकारी दी साथ ही  'good Samaritan' के बारे में बताया। इस मौके पर राइज अप से राजश्री, मृणाल , रणजीत , नितेश आदि उपस्थित थे।