रांची
झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने राज्य के निजी स्कूलों द्वारा वर्तमान शैक्षणिक सत्र में मनमाने ढंग से की गई फीस वृद्धि, एनुअल चार्ज, री-एडमिशन फीस और अन्य विविध शुल्कों को अवैध करार दिया है। उन्होंने सरकार से इस पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि यह पूरे राज्य में अभिभावकों के आर्थिक शोषण का मामला बन चुका है। अजय राय ने कहा कि लगातार मिल रही शिकायतों से यह साफ है कि कई निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा भी विभिन्न मदों में अवैध शुल्क वसूल कर रहे हैं, जो झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 का खुला उल्लंघन है। इस अधिनियम के तहत बिना सक्षम प्राधिकरण की स्वीकृति के कोई भी फीस वृद्धि गैरकानूनी मानी जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा में इस विषय पर चर्चा होने के बावजूद अब तक किसी भी जिले के उपायुक्त ने इस मुद्दे को लेकर कोई ठोस बैठक नहीं की है। यह राज्य सरकार की उदासीनता को दर्शाता है और उसकी नियामक प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है।
अजय राय ने मांग की है कि राज्य सरकार कानून को तुरंत प्रभाव से लागू करे और वर्तमान सत्र में की गई फीस वृद्धि को तत्काल प्रभाव से रोका जाए। साथ ही उन्होंने प्रत्येक जिले में फीस रेगुलेटरी कमेटी के गठन और झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (JET) को सक्रिय करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि फीस संरचना की उचित निगरानी हो सके। अंत में उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर सरकार शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन सड़कों पर उतरकर राज्यव्यापी आंदोलन करने को बाध्य होगी।”