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Ranchi : लिफाफा चिपक गया है खुल नहीं रहा है, निर्वाचन आयोग का मंतव्य पूछने पर बोले राज्यपाल

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रांचीः  
बीते 25 अगस्त से झारखंड में लिफाफे को लेकर जोरदार राजनीति हो रही है। जिसे देखो वही लिफाफे की बात कर रहा है। दरअसल यह वही लिफाफा है जो चुनाव आयोग ने राज्यपाल को सौंपा है। हर कोई बस उसी लिफाफे के खुलने का इंतजार कर रहा है कि आखिरकार निर्वाचन आयोग ने उस सीलबंद लिफाफे में मुख्यमंत्री के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में क्या मंतव्य राज्यपाल को भेजा है। उस एक लिफाफे को लेकर पूरे राज्य की राजनीति में अस्थिरता का माहौल देखने को मिल रहा है। ऊहापोह की स्थिति इस कदर है कि यूपीए के प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल के पास मिलने चले गए थे और कहने लगे कि उस लिफाफे के अंदर जो भी है उसे सार्वजनिक किया जाए महामहिम ताकि हम कोई फैसला ले सकें।


राज्यपाल ने स्थिती स्पष्ट नहीं किया 
राज्यपाल ने उस दिन सबको यह कह कर भेज दिया कि 2 दिन में वह अपना फैसला बता देंगे और अगले ही दिन दिल्ली रवाना हो गए। आज 23 दिन गुजर गये लेकिन राज्यपाल ने लिफाफे पर कुछ नहीं कहाष।उससे भी काम नहीं बना तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद राज्यपाल के पास गए और कहा कि आपके पास जो लिफाफा आया है, निर्वाचन आयोग का जो भी मंतव्य है उसकी एक कॉपी मुझे भी दे दीजिए या फिर जो भी स्थिति है उसे सार्वजनिक कर दीजिए। उसके बाद भी उन्हें भी आश्वासन मिला कि जल्द ही स्थिति सबके सामने होगी लेकिन आज तक स्थिति को सार्वजनिक नहीं किया गया।

 


लिफाफ खुल ही नहीं रहा 
लेकिन अब तो हद्द ही हो गई है लिफाफे पर राज्यपाल रमेश बैस ने भी मजाकिया जवाब दिया है। मीडिया कर्मियों ने उनसे पूछा कि लिफाफे का क्या हुआ तो उन्होंने कहा लिफाफा चिपक गया खुल ही नहीं रहा है। इधर निर्वाचन आयोग ने भी मुख्यमंत्री के अधिवक्ता को अपने मंतव्य की कॉपी देने से साफ इनकार कर दिया है। आयोग ने कह दिया है कि अगर हम आपको मंतव्य की कॉपी दे देते हैं तो यह संविधान के खिलाफ होगा।