द फॉलोअप डेस्क
आज गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर राज्यपाल संतोष गंगवार ने राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में झंडोत्तोलन किया। राज्यपाल संतोष गंगवार ने सुबह 9 बजे तिरंगा फहराया। इसके बाद उन्होंने सशस्त्र बल की परेड का निरीक्षण किया। इसके बाद राज्यपाल ने कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि गणतंत्र दिवस के इस पावन पर्व पर मैं समस्त प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई देता हूं। गणतंत्र दिवस हम सभी के लिए अपने राष्ट्र और अपनी सम्प्रभुता का गौरवगान करने का दिन है। आज स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद करने का दिन है, जिन्होंने अपने त्याग और बलिदान से हमें आजादी दिलाई और इस गौरवशाली गणतंत्र का निर्माण किया।
गणतंत्र दिवस के इस पावन अवसर पर मैं झारखंड के वीर सपूत धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा, बाबा तिलका मांझी, वीर सिद्धो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो, जतरा टाना भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, शेख भिखारी, टिकैत उमरांव सिंह, पाण्डेय गणपत राय, शहीद विश्वनाथ शाहदेव जैसे वीरों को भी नमन करते हुए उनका पुण्य स्मरण करता हूं। साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महान देशभक्तों को नमन करता हूं।हमारा लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा और जीवंत लोकतंत्र है। हमारे इस महान लोकतंत्र का आधार है- हमारा संविधान। आज इस अवसर पर मैं संविधान सभा के सभीसदस्यों को भी नमन करता हूं। हमारा संविधान लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है, जो हम सभी के लिए एक मार्गदर्शक है। हमारा कर्तव्य है कि हम इसका पूरा सम्मान करें क्योंकि संविधान किसी भी राष्ट्र की शासन प्रणाली का मजबूत आधार होता है। यह शासन की प्रकृति और प्रक्रिया को परिभाषित करता है। इसी के माध्यम से विभिन्न लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थापना और उनके काम-काज के नियम निर्धारित किये जाते हैं।
लोकतंत्र में निर्वाचित जन प्रतिनिधि अपना पद संभालने से पहले संविधान की शपथ लेते हैं। मैं झारखंड के सभी निर्वाचित जन प्रतिनिधियों से आह्वान करता हूं कि वे संविधान के अनुसार अपने कार्यों व कर्तव्यों का निर्वह्न करें। हमारा संविधान अनेक शाश्वत मूल्यों को अपने-आप में समाये हुए है, जो हमारे मार्गदर्शक सिद्धांत हैं। हमें संविधान में निहित मूल्यों को अत्यधिक सावधानी और सतर्कता के साथ संरक्षित करने की आवश्यकता है।
लोकतंत्र की सफलता की कुंजी सुशासन में है; गण के प्रति शासन-तंत्र की जवाबदेही में है। नागरिकों के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी को समझना और उसे पूरा करना सरकार का परम कर्तव्य है। राज्य सरकार प्रदेश को खुशहाल बनाने एवं प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढ़ाने के साथ अपने इस कर्तव्य का निर्वहन कर रही है और एक पारदर्शी, संविधाननिष्ठ और संवेदनशील, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की स्थापना की ओर अग्रसर है।
हमारा झारखंड आज प्रत्येक क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है। युवाओं के लिए रोजगार का विषय हो या किसान, मातृशक्ति के कल्याण हेतु योजनाओं की बात हो, सरकार द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं से स्पष्ट है कि हमारी सरकार राज्य के हर वर्ग के लिए संवेदनशील होकर कार्य कर रही है।
राज्य सरकार ने हमेशा से सुशासन एवं न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है। प्रदेश में कानून का राज स्थापित है और इसे बनाये रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य के विभिन्न नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में योजनापूर्ण तरीके से चलाये गये नक्सली अभियानों में वर्ष 2024 में 248 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और 09 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है। इस वर्ष राज्य में संगठित अपराध के कुल 154 संगठित गिरोह के अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। इन गिरफ्तारियों में अलकायदा के 4 आतंकवादी भी शामिल हैं। झारखंड राज्य में नये आपराधिक अधिनियम लागू किये गये हैं। इन कानूनों का मूल उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और जनहितैषी बनाना है। इनके लागू होने से आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार और अपराध नियंत्रण में प्रभावी परिणाम की उम्मीद है।
आज के डिजिटल युग में तकनीक के तेजी से विकास के साथ ही साईबर अपराध का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। साईबर अपराध की रोकथाम हेतु निर्मित प्रतिबिम्ब एप का सार्थक प्रयोग करते हुए राज्य में कुल 898 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही पीड़ित व्यक्तियों को उनकी राशि भी उपलब्ध कराई गयी है। कृषि हमारे प्रदेश के विकास का मूल आधार है। अन्नदाता किसानों को खेती-किसानी की सभी संभव सुविधाएं और उनके उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए केन्द्र एवं राज्यसरकार कृत संकल्पित हैं।
इसके आगे उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' और 'किसान क्रेडिट कार्ड योजना' जैसे अनेक पहलुओं के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किसानों के कल्याणार्थ अभूतपूर्व प्रयास किये गये हैं। किसानों का सशक्तिकरण सच्चे अर्थों में सार्थक हो और उसकी खेती न केवल लाभप्रद हो बल्कि खाद-बीज की खरीदी, उपज का विक्रय, फसल-नुकसानी पर राहत और प्रशासन में उसके काम समय पर पूरे हों, इस दिशा में सभी स्तरों पर समुचित व्यवस्थाएँ सरकार द्वारा की जा रही हैं।
झारखंड कृषि ऋण माफी योजना अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 1.82 लाख लाभुकों का 403 करोड़ का ऋण माफ किया गया है। "बिरसा फसल विस्तार" योजना अन्तर्गत खरीफ एवं रबी में पूर्ण अनुदान पर गुणवत्तायुक्त बीज का वितरण किसानों के बीच किया गया है। सुखाड़ की स्थिति के मद्देनजर कम पानी में पैदा होने वाले मिलेट्स के आच्छादन एवं उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु "झारखंड राज्य मिलेट मिशन" प्रारंभ किया गया है।
मनरेगा के तहत् इस वित्तीय वर्ष में अबतक 7.14 करोड़ मानव दिवस का सृजन करते हुए कुल 2430 करोड़ की राशि का व्यय किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में कुल 2.9 लाख योजनाओं को पूर्ण किया जा चुका है तथा 7.9 लाख योजनाओं पर कार्य हो रहा है। मनरेगा अन्तर्गत सखी मंडल के दीदियों को प्रशिक्षित करते हुए 46 हजार से अधिक महिलाओं को मेट के रूप में निबंधित कर उनसे कार्य लिया जा रहा है। बिरसा हरित ग्राम योजना अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 32 हजार से अधिक परिवारों के लिए बागवानी का कार्य किया जा रहा है।कृषि उत्पादकता बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई व्यवस्था का सुदृढ़ होना आवश्यक है। वर्ष 2024 में वृहद्, मध्यम एवं लघु सिंचाई योजनाओं से 4 लाख हे0 से अधिक भूमि में खरीफ सिंचाई उपलब्ध करायी गयी है। राज्य के पुरानी सिंचाई योजनाओं के पुनरूद्धार एवं लाईनिंग हेतु अब तक 55 योजनाओं का पुनरूद्धार कर लगभग 69 हजार हे सिंचाई क्षमता को पुनर्बहाल किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए किसानों से अधिप्राप्त धान के 50 प्रतिशत मूल्य का भुगतान धान अधिप्राप्ति के साथ ही किया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा घोषित MSP के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जा रहा है।
झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों के लक्ष्य को 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दिया गया है। प्रदेश के हर नागरिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के अपने लक्ष्य पर सरकार लगातार कार्य कर रही है। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत् राज्य के 34 लाख परिवारों को कार्यरत घरेलू नल जल के द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया गया है। घरों के साथ-साथ विद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी नल के पानी का कनेक्शन किया जा रहा है ताकि "हर घर जल" का लक्ष्य सही मायने में हासिल किया जा सके। हम सब जानते हैं कि जल एक सीमित संसाधन है और इसका समुचित उपयोग और संरक्षण ही इस संसाधन को लंबे समय तक बनाये रख सकता है। इसलिए हम सबका प्रयास होना चाहिए कि इस संसाधन का मितव्ययिता के साथ उपयोग करें। इसके दुरूपयोग के प्रति खुद भी जागरूक रहें और लोगों को भी जागरूक बनाएं।
राज्य में प्राकृतिक संसाधनों एवं मानव संसाधन की कोई कमी नहीं है। व्यापार और उद्योग का विकास प्रदेश की एक अन्य नहीं है। व्यापार और उद्योग का विकास प्रदेश की एक अन्य प्राथमिकता है। इसके लिए हमारी सरकार ने सुविचारित नीतियां बनाकर राज्य के ढांचागत विकास को ऐसा रूप दिया है कि निवेशक प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए स्वयं आगे आ रहे हैं। MSME इकाईयों के द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन तथा राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए नई Jharkhand MSME Promotion Policy अधिसूचित की गयी है, जिसमें अधिकतम 40% तक अनुदान का प्रावधान किया गया है।
केन्द्र सरकार के इथेनॉल मिश्रित ईंधन कार्यक्रम के तहत राज्य में इथेनॉल निर्माण की इकाईयों को स्थापित करने के उद्देश्य से झारखंड इथेनॉल प्रोमोशन नीति अधिसूचित की गयी है। इस नीति से जीवाश्म ईंधन के प्रयोग में कमी के साथ-साथ राज्य के किसानों की आय में वृद्धि होगी।
हमारी सरकार द्वारा राज्य की खनिज सम्पदाओं के दोहन एवं अवैध परिवहन को नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक खनिज ढुलाई वाहनों पर Vehicle Tracking System लगवाने की कार्रवाई की जा रही है। इससे राज्य की खनिज सम्पदा के खनन से लेकर परिवहन, मार्ग, गंतव्य स्थल तक का Online Record रखते हुए अवैध खनन पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाया जा सकेगा।
श्रमिकों के आर्थिक एवं सामाजिक हितों का संरक्षण करना सरकार की प्राथमिकता है। इस वित्तीय वर्ष में निर्माण श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं से संबद्ध कर 83 करोड़ का भुगतान किया गया है। प्रवासी श्रमिकों के कल्याणार्थ चलाई जा रही योजनाओं के अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 78 प्रवासी श्रमिकों की मृत्यु के उपरांत उनके आश्रितों को 1.29 करोड़ रुपये की राशि दी गयी है।
विभिन्न कौशल विकास योजनाओं के द्वारा युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों के अलग-अलग पाठ्यक्रमों में कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षणोपरांत सफलतापूर्वक प्रमाणीकरण के तीन माह के अन्दर नियोजित नहीं हो पाने वाले युवाओं को, रोजगार प्रोत्साहन भत्ता का भुगतान DBT के द्वारा किया जा रहा है। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के भू-गर्भ शास्त्र में स्नातकोत्तर उत्तीर्ण युवाओं को Skill Development कार्यक्रम के तहत भूतात्विक अन्वेषण कार्यों में प्रशिक्षित करने का कार्य किया जाता है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत हजारीबाग में Geological Training Centre की स्थापना भी की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अधिकांश प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षणोपरान्त भारत सरकार, राज्य सरकार, लोक उपक्रमों तथा निजी प्रतिष्ठानों में कार्य करने का अवसर मिल रहा है।
आर्थिक विकास को गति देने, रोजगार सृजन करने और लोगों को स्वास्थ्य सेवा या शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं से जोड़ने के लिए बेहतर परिवहन व्यवस्था का होना आवश्यक है। इस दिशा में राज्य में बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए इस वित्तीय वर्ष 43 पथों और एक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। साथ ही 89 पथों एवं 09 पुलों के निर्माण की स्वीकृति दी गयी है। इस वित्तीय वर्ष अब तक 2075 किलोमीटर पथों का चौड़ीकरण / मजबूतीकरण एवं पुर्ननिर्माण आदि कार्य हुआ है।
विमानन क्षेत्र को विश्व भर में आर्थिक विकास के प्रेरक के रूप में देखा जा रहा है। हमारी सरकार ने Jharkhand Flying Institute सोसाईटी का गठन किया है, जिसके माध्यम से सभी प्रकार के वैमानिकी प्रशिक्षण कार्यों के संचालन की व्यवस्था की जा रही है। राज्य के गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा हेतु उच्चतर चिकित्सकीय संस्थानों में ससमय स्थानांतरित करने हेतु किफायती दर पर Air Ambulance Service प्रारंभ की गयी है तथा इस सेवा का लाभ सभी गरीब जरूरतमंद लोगों तक उपलब्ध हो, इसके लिए पूर्व निर्धारित जरूरतमंद लोगों तक उपलब्ध हो, इसके लिए पूर्व निर्धारित दरों में 50 प्रतिशत की कमी की गयी है।
ऊर्जा के विकास से अर्थव्यवस्था बढ़ती है और लोगों के जीवन स्तर में सुधार आता है। प्रदेशवासियों को निर्बाध बिजली की सुविधा उपलब्ध कराने के दायित्व के निर्वहन के लिए हमारी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य में विद्युत आपूर्ति में गुणात्मक सुधार हेतु विभिन्न योजनाओं के तहत नये विद्युत शक्ति उपकेन्द्रों का निर्माण, 33 KV लाईन एवं 11 KV लाईन का निर्माण, नये ट्रान्सफॉर्मर का अधिष्ठापन, पुराने ट्रान्सफॉर्मरों की क्षमता में वृद्धि जैसे कार्यों का सम्पादन किया गया है।
स्वच्छ ऊर्जा सतत् विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता से दूर होकर पर्यावरण के अनुकूल भविष्य की ओर ले जाने का मार्ग प्रदान करती है। ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट योजनान्तर्गत राज्य में अबतक लगभग 2566 सरकारी भवनों में 58 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट का अधिष्ठापन किया गया है। चाण्डिल डैम में पी०पी०पी० मोड पर 600 मेगावाट क्षमता के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के अधिष्ठापन की कार्रवाई की जा रही है।
शिक्षा व्यक्तिगत और सामाजिक विकास की आधारशिला है। हमारी सरकार शिक्षा के प्रति सजग है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के क्रियान्वयन हेतु सभी आवश्यक पहल किये जा रहे हैं। इसके अन्तर्गत विशेष रूप से राज्य केन्द्रित पाठ्य-पुस्तकों के निर्माण हेतु पाठ्यक्रम का विकास किया जा रहा है। शिक्षकों के क्षमता निर्माण एवं विद्यार्थियों के अधिगम उन्नयन हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। J.C.E.R.T. तथा सभी डायट के सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य प्रारंभ किया गया है।
राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की भाषाओं को ध्यान में रखते हुए मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षण व्यवस्था हेतु सामग्रियों को विकसित किया गया है। राज्य में जनजातीय भाषाओं में मुंडारी, कुडुख, हो, खड़िया एवं संथाली तथा क्षेत्रीय भाषाओं में बांग्ला एवं उड़िया भाषा की पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया गया है।
मध्याह्न भोजन योजना राज्य के सभी विद्यालयों में संचालित की जा रही है। इस योजना के कारण विद्यालयों में नामांकन एवं बच्चों के ठहराव में वृद्धि हुई है। लगभग 30 लाख बच्चे इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। 21 हजार से अधिक विद्यालयों में किचेन गार्डेन की स्थापना की गयी है, जिससे प्राप्त उत्पादों का उपयोग मध्याह्न भोजन में किया जा रहा है।
हमारी सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्पित है। मैं चाहता हूं कि हमारे विद्यार्थी अपनी प्रतिभा से लक्ष्य अर्जित कर राज्य और देश का नाम रोशन करें। वे माननीय प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत@2047 के विजन को साकार करने की दिशा में अपना सक्रिय योगदान दें।
राज्य के उच्चतर शिक्षण संस्थानों में शोध तथा नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से सभी विश्वविद्यालयों में शोध तथा नवाचार केन्द्र एवं सेंटर संस्थानों में शोध तथा नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से सभी विश्वविद्यालयों में शोध तथा नवाचार केन्द्र एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना की जा रही है। उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों हेतु एकेडमिक क्रेडिट बैंक की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। इस व्यवस्था के अन्तर्गत केन्द्रीय स्तर पर एक एकेडमिक क्रेडिट बैंक स्थापित किया जायेगा जो अलग-अलग मान्यता प्राप्त उच्चतर शिक्षण संस्थानों से प्राप्त क्रेडिट को डिजिटल रूप में संकलित करेगा ताकि प्राप्त क्रेडिट के आधार पर उच्चतर शिक्षण संस्थान द्वारा डिग्री दी जा सके।
प्रदेश के छात्रों को देश के उत्कृष्ट संस्थानों में पढ़ने के लिए वित्तीय संसाधन की कमी नहीं होने देने के उद्देश्य से हमारी सरकार गुरूजी स्टूडेन्ट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 4 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर से अधिकतम 15 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध करा रही है। इस योजना के तहत अबतक 650 विद्यार्थियों को 46 करोड़ की राशि उपलब्ध करायी गयी है। मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को गंभीर बीमारियों के उपचार पर आने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति की जाती है। इस वित्तीय वर्ष में अबतक कुल 1634 लाभुकों को चिकित्सा सहायता प्रदान की गयी है और इस पर 71 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
वर्तमान में नगरीय क्षेत्र तेजी से बढ़ता जा रहा है। नगरों के बेतरतीब विकास और असंतुलित नियोजन से संसाधनों का अपव्यय बढ़ा है। हमारी सरकार इस स्थिति को दूर कर शहरों को मूलभूत बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के साथ आधुनिक सुविधाओं से लैस कर नगरीय विकास को सुसंगत आयाम देने के लिए काम कर रही है। राजधानी रांची के कांटाटोली चौक एवं बहुबाजार चौक के ऊपर 2240 मीटर लम्बे समेकित फ्लाईओवर के कारण क्षेत्र में यातायात सुगम हुआ है।
रांची स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्यों हेतु आवास निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अर्बन सिविक टावर एवं रवीन्द्र भवन का कार्य काफी तेजी से कराया जा रहा है। हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका अपना घर हो, इस दिशा में माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 'प्रधानमंत्री आवास योजना' के तहत सभी को पक्का घर सुलभ कराने हेतु उल्लेखनीय पहल की गयी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा अबतक 2.11 लाख आवासीय इकाई स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 1.29 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा लगभग 64 हजार आवासीय इकाईयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
हमारा राज्य अपनी समृद्ध संस्कृति, विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य एवं धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। यहां बाबा की नगरी बैद्यनाथधाम है तो पारसनाथ का शिखर भी है। देश का सबसे पुराना टाइगर रिजर्व बेतला है, तो पहाड़ों पर बसा नेतरहाट भी है। हाथियों के विचरण के लिए प्रसिद्ध दालमा की पहाड़ी है तो संताल में मलूटी मंदिर समूह भी है। राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाओं को मूर्त रूप देने हेतु हमारी सरकार बहुआयामी प्रयास कर रही है। इसी क्रम में राज्य में पर्यटन व्यवसाय के विनियमन के उद्देश्य से झारखंड पर्यटन व्यापार पंजीकरण नियमावली गठित की गयी है तथा इस वित्तीय वर्ष से निबंधन कार्य प्रारंभ किया गया है।
हमारे खिलाड़ियों ने अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का मान बढ़ाया है। झारखंड की बेटी सलीमा टेटे के नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम ने पिछले वर्ष आयोजित Women's Asian Champions Trophy का खिताब जीता है। सलीमा को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सलीमा को मिले इस सम्मान से समस्त झारखंडवासा गारवान्वित ह। हमार श्रेष्ठ खिलाड़िया का सफलता से बच्चों को विभिन्न खेलों में भाग लेने की प्रेरणा मिल रही है, जिससे उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई है। मुझे विश्वास है कि आत्मविश्वास से भरपूर हमारे राज्य के युवा खिलाड़ी आगामी खेल प्रतियोगिताओं में और भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
हमारी सरकार ने खिलाड़ियों के कल्याण हेतु खिलाड़ी कल्याण कोष का गठन किया है। इसके अन्तर्गत खिलाड़ियों को उनकी चोट के इलाज पर खर्च किये गये राशि की प्रतिपूर्ति तथा अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। इस वित्तीय वर्ष में 8 खिलाड़ियों को 13.42 लाख रुपये की राशि प्रदान की गयी है।
झारखंड को प्रकृति ने खुल कर अपने वरदान से नवाजा है। हमारे राज्य की पहचान यहाँ के वन क्षेत्र और उसकी जैव विविधता है। सरकार के प्रयासों से राज्य का वनावरण एवं वृक्षावरण बढ़कर राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 34.38 प्रतिशत हो गया है, जो राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। राज्य के कई शहरी क्षेत्रों में अवस्थित वन भूमि को सुरक्षित रखने एवं स्थानीय निवासियों को स्वच्छ वातावरण के साथ रोजगार प्रदान करने हेतु विभिन्न पार्कों का निर्माण कराया जा रहा है।
राज्य की जनता की शिकायतों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। इसके लिए केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण प्रणाली और निगरानी प्रणाली के अन्तर्गत प्राप्त शिकायतों का शत् प्रतिशत निष्पादन की कार्रवाई की जा रही है। राज्य में मिशन कर्मयोगी के माध्यम से पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिये जाने के निमित IGOT Portal पर विभिन्न विभागों को जोड़ने की कार्रवाई की गया है।
नागरिक केन्द्रित और अंतर्विभागीय Work Flow के विकास को सुविधाजनक बनाते हुए विश्वास और सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से Blockchain Platform की परिकल्पना की गयी है। Blockchain Technology के प्रयोग से सरकार द्वारा अनुरक्षित Data एवं दस्तावेजों को अपरिवर्तनीय एवं Track करने योग्य बनाया जा रहा है। इस Platform का प्रयोग करके लाभार्थी अपने उच्च शिक्षा, रोजगार के समय सरकार द्वारा जारी प्रमाण-पत्रों और अन्य लेन-देन का सत्यापन बिना किसी प्रतीक्षा के कर पायेंगे।
ग्रामीण महिलाएं राज्य के ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। राज्य के सभी ग्रामीण गरीब परिवार की महिलाओं को सखी मण्डल में संगठित कर उनको आजीविका के सशक्त साधनों से जोड़ा जा रहा है। राज्य में कार्यरत 2.8 लाख सखी मण्डलों को 452 करोड़ रुपये चक्रीय निधि एवं 1946 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि के रूप में उपलब्ध कराया जा चुका है। फूलो झानो आशीर्वाद योजना के तहत 38 हजार से अधिक महिलाओं को हड़िया-दारू बिक्री छोड़कर सम्मानजनक वैकल्पिक आजीविका से जोड़ा गया है।
राज्य के महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने हेतु हमारी सरकार ने मंईंया सम्मान योजना की शुरूआत की है, जिसके द्वारा 18 वर्ष से 50 वर्ष तक की सभी पात्र महिलाओं के खाते में 2500 रुपये प्रतिमाह DBT के माध्यम से दिया जा रहा है। सरकार का यह कदम, महिला कल्याण के प्रति उसकी गंभीरता को स्पष्ट रूप से परिलक्षित करता है।
मैं आप सबको याद दिलाना चाहूंगा कि हमारा संविधान जहां हमें मौलिक अधिकार प्रदान करता है वहीं उसने हमारे कर्तव्यों को भी रेखांकित किया है। आज जरूरत यह है कि हम अपने कर्तव्यों और देश के प्रति दायित्वों का निर्वहन करने के लिए प्रतिबद्ध हों। एक सच्चा गणतंत्र वही होता है जिसमें अगर प्रशासन तंत्र की जिम्मेदारियां हैं तो नागरिकों की भी। सफल गणतांत्रिक व्यवस्था में गण और तंत्र दोनों का एक समुच्चय बनना चाहिए।
राष्ट्रनिर्माण निरन्तर चलने वाली एक प्रक्रिया है। जैसा एक परिवार में होता है, वैसे ही एक राष्ट्र में भी होता है कि एक पीढ़ी अगली पीढ़ी का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करती है। जब हमने आजादी हासिल की थी, उस समय तक विदेशी साम्राज्य के शोषण ने हमें घोर गरीबी की स्थिति में डाल दिया था, लेकिन उसके बाद के 77 वर्षों में हमने प्रभावशाली प्रगति की है। मुझे विश्वास है कि इसी ऊर्जा, आत्मविश्वास और उद्यमशीलता के साथ हमारा राज्य और देश प्रगति पथ पर बढ़ता रहेगा।
आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसमें हमारे संविधान की बड़ी भूमिका रही है और रहेगी। हमारा कर्तव्य है कि हम एक ऐसे सर्वसमावेशी देश के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करें, जो हमारे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक परम्पराओं को अक्षुण्ण बनाये रखते हुए आज के विश्व में अपना स्थान बनाये। मुझे विश्वास है कि प्रदेशवासी और शासन-प्रशासन, प्रदेश के विकास, तरक्की और खुशहाली के सफर में सहभागिता का नया उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।
अन्त में, मैं पुनः आप सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई देता हूँ और आह्वान करता हूं कि आपके प्रदेश के प्रगति की डोर आपके हाथों में है और इसकी गरिमा के आप प्रहरी हैं। आईये ! हम सब मिलकर सुखी-समृद्ध झारखंड के निर्माण का संकल्प लें। हम सभी के सम्मिलित प्रयास से हमारा झारखंड हर क्षेत्र में प्रगति करते हुए "हमर सोना झारखंड" के रूप में स्थापित होगा।