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हजारीबाग की गीता बनीं भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम की उपकप्तान, पढ़िए संघर्ष की कहानी

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दुर्गेश, हजारीबाग:

झारखंड के हजारीबाग की गीता महतो भारतीय ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तानी कर रही हैं। हाल ही में मुंबई में आयोजित 5 दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल में जिस टीम टीम ने नेपाल को हराकर खिताब जीता, गीता उसकी उपकप्तान हैं। विश्व क्रिकेट में सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानने वालीं गीता महतो उन्हीं के नक्शे-कदम पर चलना चाहती हैं। हजारीबाग के केरेडारी प्रखंड स्थित सलगा गांव में दुखन महतो और चंपा देवी के घर 10 जुलाई 2007 को जन्मीं गीता महतो की कामयाबी इतनी भी आसान नहीं थी। उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। 

दिल्ली यूनिवर्सिटी से मास-कॉम बढ़ रहीं गीता
रांची के संत माइकल ब्लाइंड स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने वाली गीता इन दिनों दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिंदी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन से स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। किसान परिवार से आने वाली गीता के पिता दुखन रांची में कैटरिंग का व्यवसाय करते हैं। मां चंपा देवी गृहिणी है। गीता दृष्टि -बाधित हैं लेकिन उन्होंने कभी इसे कमजोरी नहीं समझा और अपनी जिद और जुनून की बदौलत आज भारतीय महिला ब्लाइंड क्रिकेट टीम की उपकप्तानी कर रही हैं। बचपन से ही धुन की पक्की गीता रोज मेहनत करती हैं ताकि अपने प्रदर्शन में और ज्यादा निखार ला सकें। 

सही मार्गदर्शन, मेहनत और परिवार का प्रोत्साहन
गीता की प्रतिभा को पहचानकर उनका चयन करने में क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड इन झारखंड का अहम योगदान रहा है। गीता की निरंतर मेहनत और सही मार्गदर्शन का ही नतीजा है कि आज वह इस मुकाम पर हैं। गीता परिवार के प्रोत्साहन को भी अपनी सफलता का प्रमुख कारण मानती हैं। गौरतलब है कि पिछले साल झारखंड के ही सुजीत मुंडा उस भारतीय पुरुष ब्लाइंड क्रिकेट टीम का हिस्सा थे जिसने विश्व कप जीता। झारखंड के लिए यह बड़ी बात है।

गीता, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर, विस्फोटक बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्ज सहित अन्य खिलाड़ियों से मिल चुकी हैं और उनसे बहुत सारे टिप्स भी लिए हैं।