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पूजा सिंघल के चार्ज फ्रेम बिंदु पर सुनवाई पूरी, 10 अप्रैल को होगा आरोप गठन

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द फॉलोअप डेस्कः 
निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के खिलाफ ED कोर्ट में चार्ज फ्रेम  बिंदु पर सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट ने आरोप गठन के लिए 10 अप्रैल की तारीख तय की है। बता दें कि ईडी की विशेष अदालत ने पूजा सिंघल के डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज कर दिया है। पूजा सिंघल की ओर से दाखिल किए पिटीशन में ईडी की ओर से उनपर लगाए चार्ज को निराधार बताया था। उधर ईडी ने पूजा सिंघल के डिस्चार्ज पिटीशन का विरोध किया था और अदालत को बताया था कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त आधार, साक्ष्य और दस्तावेज हैं। ईडी पूजा सिंघल, उनके पति के सीए सुमन कुमार और खूंटी के तत्कालीन सहायक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। चार्ज फ्रेम  बिंदु पर सुनवाई आज हो गई है। आरोप गठन के बाद उनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ट्रायल की शुरूआत हो जाएगी। 

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6 मई से शुरू हुई प्रक्रिया

बता दें कि पूजा सिंघल फिलहाल दो माह की अंतरिम जमानत पर हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत दी गई है। गौरतलब है कि पूजा सिंघल और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर ईडी ने 6 मई 2022 को छापा मारा था। छापेमारी के दौरान पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के सीए सुमन कुमार के पास से 19 करोड़ 31 लाख रुपये नगद और दस्तावेज मिले थे। पूजा सिंघल को 11 मई को गिरफ्तार किया गया था। 25 मई को उन्हें जेल भेज दिया गया था। 3 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट से पूजा सिंघल को 1 माह की जमानत मिली थी। उस वक्त ने कहा गया था कि उन्हें रांची में नहीं रहना है। इस शर्त के साथ पूजा सिंघल 1 महीने जेल से बाहर थीं। बीते 4 फरवरी को 1 माह की अवधि खत्म हो गई थी जिसके बाद पूजा ने ईडी की विशेष न्यायालय में सरेंडर किया था। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।  सबसे पहले जमानत के लिए पूजा सिंघल ने ईडी की विशेष न्यायालय में गुहार लगाई थी। लेकिन वहां से कई बार जमानत याचिका खारिज कर दी गई। जिसके बाद पूजा सिंघल ने हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट से भी पूजा सिंघल को जब जमानत नहीं मिली तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में भी एक सुनवाई के बाद उन्हें 1 माह की अंतरिम जमानत दी गई। वह भी मेडिकल ग्राउंड पर।