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सूखे से निपटने को हेमंत सरकार ने 13.94 लाख किसानों में 478 करोड़ बांटे, विभाग ने दी जानकारी

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द फॉलोअप डेस्कः 
झारखंड सरकार ने सुखाड़ से प्रभावित किसानों को भी बड़ी राहत देने का फैसला लिया है। कृषि और खनन विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दिकी ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में इस बारे में जानकारी दी। कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने बताया कि झारखंड पहला ऐसा राज्य है, जिसने बीज वितरण में ब्लॉक चेन प्रणाली लागू की है। सुखाड़ के बावजूद इस वर्ष 1.30 लाख क्विंटल बीज का वितरण वेब पोर्टल के माध्यम से किया गया है। वहीं कृषि ऋण माफी योजना के तहत स्टैंडर्ड केसीसी में अब तक 8 लाख ऋणी किसान को शामिल किया गया है। अब तक 4 लाख 62 हजार से ज्यादा किसानों को डीबीटी के माध्यम से 1858.3 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है। दूध उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हुए दूध का संग्रहण 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 2.5 लाख लीटर प्रतिदिन हो गया है। जबकि, किसानों को 3रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जा रही है। करीब 38 हजार किसान इस योजना से लाभान्वित हुए हैं। 

सुखाड़ राहत योजना के लिए 45 लाख से अधिक आवेदन

विभागीय सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना में अब तक कुल 45 लाख 45 हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें अब तक 13 लाख 94 हजार से ज्यादा सत्यापित लाभुकों को 478 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। राज्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 438 नोडल लैंप्स- पैक्स को 8.8 लाख रुपये की कार्यशील पूंजी प्रदान की गई है।

सीएम पशुधन योजना में 10 लाख से अधिक किसानों को अनुदान

मुख्यमंत्री पशुधन योजना में अब तक 10 लाख से ज्यादा लाभुकों को अनुदान की राशि दी गई है। राज्य में 5454 तालाब का जीर्णोंद्धार और 8081 परकोलेशन टैंक के साथ 3513 डीप बोरिंग की गई हैं। जबकि, 17320 पंपसेट का वितरण किया गया है। 1784 किसानों और स्वयं सहायता समूहों को मिनी ट्रैक्टर और पावर ट्रिलर वितरित किए गए हैं। किसानों के सहयोग के लिए 24 घंटे कॉल सेंटर के साथ किसान हेल्पलाइन की शुरुआत की गई है। राज्य में 25 कोल्ड स्टोरेज का निर्माण पूरा करने की पहल की जा रही है। मछली उत्पादन में 3.30 लाख टन के लक्ष्य के विरुद्ध 2.95 लाख टन उत्पादन हुआ है, जबकि 2018-19 में यह उत्पादन 2 लाख टन से कम था। बंद पड़े कोयला खदनों में केज कल्चर की शुरुआत की गई है।

राज्य के 2.5 लाख किसान कृषि उपज व्यापार के लिये ई-नेम पोर्टल पर पंजीकृत किये जा चुके हैं और उनकी उपज को खेत से ही बेचने की सुविधा विकसित की गई है। 236 वेटनरी एम्बुलेंस के लिए जीवीके ग्रीन सर्विसेज के साथ एमओयू बहुत जल्द किया जायेगा। राज्य में 40 पाठशाला संचालित की जा रही है और नई पाठशाला के संचालन के लिए संस्थाओं का चयन प्रक्रिया में है। पलामू में गौ मुक्तिधाम का शिलान्यास किया गया है। जल्द ही अन्य जिलों में काम शुरू किया जाएगा। अगले पांच वर्षों में प्रत्येक जिला में एफपीओ गठन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें कार्यशील पूंजी के लिए अनुदान का प्रावधान किया जा रहा है।