द फॉलोअप डेस्कः
राजकोट गेम जोन अग्निकांड मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। जिसमें आज सुनवाई हुई। सभी पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है। दलीलें सुनने के बाद कोर्ट कुछ मिनटों में फैसला सुनाएगा। इस बीच बड़ी जानकारी सामने आ रही है कि ये गेम जोन अनधिकृत परिसर में था। इसे सरकारी नियमानुसार नियमित करने की मंजूरी मांगी गयी थी। फायर सेफ्टी को लेकर 4 साल से सुनवाई चल रही है। हाई कोर्ट ने कहा, "कई निर्देशों के बाद भी कई घटनाएं घट चुकी हैं। अब हमें स्थानीय व्यवस्था और राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है। हाई कोर्ट ने बताया कि 4 साल से कोर्ट ने कई फैसले और निर्देश दिए हैं। उसके बाद भी प्रदेश में 6 घटनाएं हुईं। लोग मशीनरी के ट्रिगर से मर रहे हैं।
कड़ी फटकार लगाई कोर्ट ने
अदालत ने राजकोट नगर निगम से स्पष्टीकरण मांगा है। राजकोट नगर निगम ने कोर्ट में माना कि हां इस मुद्दे पर हमारी मंजूरी नहीं ली गई। हाई कोर्ट ने कहा कि "क्या आप अंधे हो गये हैं? ढाई साल से चल रहा था तो क्या सो गए थे। क्या हम मान लें कि आपने आंखें मूंद लीं? आप और आपके अनुयायी क्या करते हैं?" कुछ अधिकारी के गेम जोन में जाने की तस्वीर सामने आने पर कोर्ट ने कहा, "जो अधिकारी वहां खेलने गए थे वो क्या थे?" अहमदाबाद में चल रहे दो गेम जोन के पास अनुमति नहीं है।
72 घंटे में रिपोर्ट की मांग
इस केस में एसआईटी गठित कर 72 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। कोर्ट को बताया गया कि कई मॉल में गेम जोन भी चल रहे हैं। हमें आज या कल तक रिपोर्ट मिल जाएगी। पिछले 48 घंटों में 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। घटना के बाद, कलेक्टरों, नगर निगम आयुक्तों, पुलिस आयुक्तों, क्षेत्रीय आयुक्तों, जिला विकास अधिकारियों, जिला पुलिस अधिकारियों, मुख्य अधिकारियों से उनके अधिकार क्षेत्र के तहत खेल क्षेत्रों का विवरण मांगा गया था। विवरण की तुरंत समीक्षा की गई।
कोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञान
जिस गेमिंग जोन में शनिवार को आग लगी थी, वह आग सुरक्षा संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना संचालित किया जा रहा था। यह बात जानने के बाद कोर्ट ने फटकार लगाई। वहीं पुलिस ने टीआरपी गेमिंग जोन के छह साझेदारों और एक अन्य के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गुजरात हाईकोर्ट ने 'गेम जोन' में आग लगने की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे प्रथम दृष्टया 'मानव निर्मित आपदा' बताया। पीठ ने कहा कि 'गेम जोन' में पेट्रोल, फाइबर और फाइबरग्लास शीट जैसी अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री को रखा गया था