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झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठा रहे हिमांता बिस्वा सरमा अपने ही राज्य में घिर गए, जानें कैसे?

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द फॉलोअप डेस्क
झारखंड में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। राज्य में बीजेपी के केंद्रीय नेताओं का दौरा जारी है। इसी कड़ी में असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने बुधवार को झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाकर राज्य सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई। इस दौरान उन्होंने असम में बढ़ते मुस्लिम जनसंख्या का जिक्र किया था। अब इस मुद्दे को लेकर हिमंत अपने ही राज्य में घिर गए हैं। हिमंत ने जिस आंकड़े का हवाला दिया था, उसे टीएमसी सांसद ने गलत और भ्रामक बताया है।


असम के सीएम के आंकड़े गलत
टीएमसी राज्य सभा सांसद सुष्मिता देव ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मुस्लिम की बढ़ती जनसंख्या के मामले पर झारखंड में दिए गये बयान को भ्रामक बताया है। उनका कहना है कि असम के मुख्यमंत्री दूसरे राज्यों में जाकर गलत जानकारियां दे रहे है जिससे लोगों में गलतफहमी पैदा हो रही है। अपने बयान मे सुष्मिता देव ने कहा की 1951 में असम में मुसलमानों की जनसंख्या 12 प्रतिशत नहीं बल्कि 25 प्रतिशत थी।


हिमंत के इस बात पर बढ़ा विवाद
दूसरा ये कि जब कोविड की वजह से 2021 में सेंसस नहीं हो पाया तो असम के मुख्यमंत्री के पास ये आंकड़े कैसे आ गये। डेमोग्राफी के मुद्दे पर बात करते हुए बुधवार को झारखंड में हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि असम में 1951 में मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत थी जो वर्त्तमान में बढ़ कर 40 प्रतिशत हो गयी है। जिला दर जिला छीन रहा है, इसलिए डेमोग्राफी चेंज होना मेरे लिए पॉलिटिकल मुद्दा नहीं है बल्कि जीने और मरने का मुद्दा है। इस पूरे मुद्दे को राजनीति का रंग देते हुए उन्होंने इसे झारखंड के डेमोग्राफी के मुद्दे से जोड़ने की कोशिश की थी। वैसे भी बांग्लादेशी घुसपैठ, संथाल के बदलते डेमोग्राफी, लव और लैंड जिहाद जैसे मुद्दे के साथ बीजेपी कुछ ही महीने में होने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल करना चाहती है।
 

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