रांची
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज मारू टावर स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता में कहा कि इंडिया गठबंधन के लोग संविधान बचाने की बात कह कर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। दरसल संविधान का सर्वाधिक बार अपमान गठबंधन के लोगों ने किया है। प्रतुल ने कहा कि संविधान का पहला संशोधन 1951 में जवाहरलाल नेहरू ने किया था। जब वह अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री थे। अभिव्यक्ति की आजादी पर कई पाबंदियां लगाई थीं। प्रतुल ने कहा कि 1975 में जब राजनारायण मामले में इंदिरा गांधी मुकदमा हार गई तो उन्होंने पूरे संविधान को ही सस्पेंड करते हुए देश में आपातकाल लगा दिया।
शाहबानो मामले का जिक्र किया
प्रतुल ने आरोप लगाया कि लोगों के मौलिक अधिकार छीन लिए गए। नसबंदी की जाने लगी। 1976 में 42वें संशोधन के जरिए इंदिरा गांधी ने संविधान का सबसे बड़ा परिवर्तन किया था। प्रतुल ने कहा उसके बाद राजीव गांधी ने 1986 में शाहबानो मामले में सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलते हुए संविधान की मूल भावना के विपरीत जाकर अदालत के निर्णय को पलटवा दिया। इसके अतिरिक्त संविधान में प्रेस की आजादी वर्णित है। लेकिन राजीव गांधी ने 1988 में मानहानि विधायक लाकर प्रेस पर अंकुश लगाने का प्रयास किया था। प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस और उनके सहयोगियों को देश के संविधान पर भरोसा ही नहीं है।
यूपीए सरकार पर लगाये ये आरोप
प्रतुल ने आगे कहा, केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की सारी सीमाएं यूपीए के शासनकाल में भी पार कर दी। प्रतुल ने कहा 2013 - 14 का यूपीए सरकार का आउटकम बजट में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि बजट की राशि का 15% हिस्सा अल्पसंख्यक के लिए अलग-अलग स्कीमों में प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा इसके उलट मोदी सरकार का मूल मंत्र है सबका साथ, सबका विकास ,सबका विश्वास। कांग्रेस के लिए अल्पसंख्यक का अर्थ सिर्फ मुस्लिम होता है। क्योंकि अगर जैन, बौद्ध, पारसी और क्रिश्चियन भी उनके अल्पसंख्यक की सूची में आते तो यह सीएए का विरोध नहीं करते। आज की प्रेस वार्ता में तारीक इमरान भी उपस्थित थे।
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